Delhi NCR GRAPE 4: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर से हटाई ग्रैप 4 की पाबंदियां, 300 से नीचे आया AQI, मजदूरों को दिया गया मुआवजा

Delhi NCR GRAPE 4: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर से हटाई ग्रैप 4 की पाबंदियां, 300 से नीचे आया AQI, मजदूरों को दिया गया मुआवजा
अंतिम अपडेट: 06-12-2024

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की वकील ने हाल ही में बताया कि प्रदूषण स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। हालांकि, इसका एक बड़ा कारण मौसमी बदलाव भी है, जिसने प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने में मदद की है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण का स्तर अब ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के गंभीर स्तर से बाहर आ गया हैं।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के गिरते स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत ग्रैप 4 की पाबंदियां हटाने की अनुमति दे दी है। हालांकि, कोर्ट ने निर्देश दिया है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) फिलहाल पाबंदियों को GRAP-2 से नीचे न ले जाए। कोर्ट ने कहा कि CAQM को GRAP-2 के साथ GRAP-3 की कुछ पाबंदियां भी लागू रखनी चाहिए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अब 12 दिसंबर को स्थिति की समीक्षा करेगी और आगे के लिए निर्णय लेगी।

इससे पहले, 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण दिल्ली और एनसीआर में तुरंत GRAP-4 की पाबंदियां लागू करने का आदेश दिया था। इन पाबंदियों में निर्माण कार्यों पर रोक, गैर-जरूरी ट्रकों के प्रवेश पर बैन, और अन्य सख्त उपाय शामिल थे। स्कूलों को भी कुछ समय तक ऑनलाइन मोड में संचालित करने के लिए कहा गया था। हालांकि, बाद में इसमें कुछ ढील दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने हटाई ग्रैप 4 की पाबंदियां

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सुप्रीम कोर्ट में दी गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट आई है, और अब ग्रैप पाबंदियों को हटाने की स्थिति आ गई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया कि केवल पिछले चार दिनों में ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) स्तर 300 से नीचे आया है, जबकि 18 नवंबर से 4 दिसंबर तक के आंकड़ों में प्रदूषण का स्तर गंभीर था।

इसके चलते, कोर्ट ने पूरी तरह से पाबंदियों को हटाने के बजाय CAQM को निर्देश दिया कि ग्रैप 2 के साथ कुछ GRAP 3 पाबंदियां जारी रखें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल स्थिति में पाबंदियों को पूरी तरह से हटाना उचित नहीं है, क्योंकि प्रदूषण के स्तर में गिरावट भले ही आई हो, लेकिन यह स्थिर नहीं है। कोर्ट ने अगले आदेश तक स्थिति की फिर से समीक्षा करने का निर्णय लिया है, जो 12 दिसंबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि 

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई, क्योंकि उसने निर्माण मजदूरों को मुआवजा देने में ढिलाई बरती थी, जबकि कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट निर्देश दिए थे। दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि उसने 90,693 मजदूरों को 2000 रुपए मुआवजा दिया है और शेष मजदूरों के रिवेरिफिकेशन के बाद 6000 रुपए अतिरिक्त देने का फैसला किया हैं।

कोर्ट ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सख्त हिदायत दी, कहा कि शेष 6000 रुपए तुरंत जारी किए जाएं, वरना अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि केवल पोर्टल पर रजिस्टर मजदूरों को ही वास्तविक संख्या मानकर सरकार को संतुष्ट नहीं होना चाहिए और उसे बाकी मजदूरों की पहचान और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में और तेजी लानी चाहिए।

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