लखनऊ रेलवे विभाग ने 8 नवंबर से अपने गृह क्षेत्रों में वापस जाने वाले यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए 500 से अधिक विशेष ट्रेन की व्यवस्था की है। यह कदम यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि वे आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
लखनऊ: बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में छठ पूजा श्रद्धा और उमंग के साथ मनाई जा रही है, और इस दौरान हर साल लाखों यात्री अपने घरों की ओर लौटते हैं। छठ पूजा के बाद यात्रियों की वापसी को लेकर रेलवे ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यात्रियों की बढ़ती भीड़ और उनकी वापसी के लिए रेलवे ने 8 नवंबर से 500 से अधिक विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की है। रेलवे बोर्ड ने बुधवार को इस फैसले की जानकारी दी, जिससे यात्रियों को घर लौटने में सहूलत मिलेगी और वे आराम से अपने गंतव्यों तक पहुंच सकेंगे। यह कदम विशेष रूप से त्योहारों के मौसम में रेलवे स्टेशनों पर होने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया हैं।
किस दिन कितनी ट्रेनें चलेंगी?
रेलवे बोर्ड ने छठ पूजा के बाद वापस लौटने वाले यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन सेवाओं की घोषणा की है। बोर्ड के एक बयान के अनुसार, समस्तीपुर, दानापुर और अन्य मंडलों से अतिरिक्त ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई है ताकि स्थानीय मांग को पूरा किया जा सके। छठ पूजा के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने 8 नवंबर को सूर्योदय के बाद से ही भीड़ बढ़ने का अनुमान लगाया है। इसीलिए, 8 नवंबर को 164 विशेष ट्रेन, 9 नवंबर को 160 विशेष ट्रेन, 10 नवंबर को 161 विशेष ट्रेन, और 11 नवंबर को 155 विशेष ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई हैं।
4 नवंबर को 1 करोड़ से ज्यादा यात्रियों ने किया ट्रेन में सफर
रेलवे बोर्ड के अनुसार, चार नवंबर को भारतीय रेलवे ने एक दिन में रिकॉर्ड 120.72 लाख यात्रियों को यात्रा कराई। इसमें 19.43 लाख आरक्षित यात्री और 101.29 लाख अनारक्षित गैर-उपनगरीय यात्री शामिल थे, जो ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त जनसंख्या से भी अधिक है। बोर्ड ने यह भी दावा किया कि पिछले 36 दिनों में 4,521 विशेष ट्रेनों के जरिए 65 लाख यात्रियों ने यात्रा की। इसके अलावा, बोर्ड के मुताबिक, एक अक्टूबर से 30 नवंबर तक के त्योहारों के दौरान यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे ने कुल 7,724 विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की, जो पिछले वर्ष की 4,429 विशेष ट्रेनों से 73 प्रतिशत अधिक हैं।