हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को खालिस्तानी झंडों का मामला जोर-शोर से उठाया गया। हाल ही में मणिकर्ण घाटी में कुछ बाइकर्स द्वारा खालिस्तानी झंडे लगाए जाने और पंजाब में हिमाचल परिवहन की बसों पर जबरन भिंडरावाला के पोस्टर चिपकाए जाने की घटनाओं ने विवाद खड़ा कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में खालिस्तानी झंडों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया। मणिकर्ण घाटी में बाइकर्स द्वारा खालिस्तानी झंडे लगाए गए और पंजाब में हिमाचल परिवहन की बसों पर भिंडरावाला के पोस्टर चिपकाए गए। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बाहरी लोगों पर माहौल खराब करने का आरोप लगाया, जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने समाधान का आश्वासन दिया। घटना ने राज्य की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बाहरी लोग बिगाड़ रहे माहौल: जयराम ठाकुर
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने सदन में कहा कि पड़ोसी राज्यों से आ रहे बाहरी लोग राज्य का माहौल खराब कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल परिवहन की बसों को पंजाब में जबरन रोककर उन पर भिंडरावाला के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। इस प्रकार की घटनाएं राज्य की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने दिया समाधान का आश्वासन
इस मामले पर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इसे गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा, "कुछ शरारती तत्व इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। हम इस मुद्दे को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री से बात करेंगे और इसका समाधान जल्द से जल्द निकालने का प्रयास करेंगे।"
राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया मुद्दा
इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी खुफिया विभाग की प्रमुख तुलसी गबार्ड से मुलाकात के दौरान खालिस्तानी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) की गतिविधियों पर चिंता जताई थी। उन्होंने भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
विरोध और चिंता का माहौल
खालिस्तानी झंडों और पोस्टरों की इन घटनाओं ने हिमाचल के नागरिकों में चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है। राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की जा रही है। इन घटनाओं ने हिमाचल प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। देखना होगा कि सरकारें मिलकर इस समस्या का हल कैसे निकालती हैं।