हिंदू एकता पदयात्रा 21 से 29 नवंबर तक चलेगी, जिसमें 9 दिनों में 160 किमी की दूरी तय की जाएगी। धीरेंद्र शास्त्री रोज 20 किमी चलकर विभिन्न स्थानों पर रुककर लोगों को जागरूक करेंगे।
Pandit Dhirendra Shastri Padyatra: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने 21 नवंबर 2024 से अपनी हिंदू एकता पदयात्रा की शुरुआत की। यह यात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होकर 29 नवंबर तक 160 किमी की दूरी तय कर ओरछा पहुंचेगी। यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज में एकता लाना और समाज में व्याप्त जाति-पाती के भेद को मिटाना है। पंडित शास्त्री ने यात्रा शुरू करने से पहले बागेश्वर धाम में एक सभा आयोजित की, जहां हजारों भक्त और समर्थक एकत्रित हुए।
हिंदू समाज में जागरूकता फैलाने की शास्त्री की अपील
धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी पदयात्रा के दौरान हिंदू समाज के लोगों से अपील की कि वे एकजुट होकर समाज में हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को संगठित होने की आवश्यकता है और जब एकजुट होकर हिंदू धर्म के अनुयायी एक आवाज में बोलेंगे, तब ही समाज में हो रहे अत्याचारों का विरोध किया जा सकेगा। उन्होंने इस यात्रा को हिंदू जागृति और एकता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
बजरंगबली की कृपा पर विश्वास
पंडित शास्त्री ने इस यात्रा को "बजरंगबली की भक्ति का उबाल" करार दिया और कहा कि यह यात्रा हिंदू समाज के जागरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा में शामिल हो रही विशाल भीड़ हिंदू समाज के जागरण और एकता की दिशा में एक बड़ा कदम है। शास्त्री का मानना है कि बजरंगबली की कृपा से हिंदू समाज मजबूत और एकजुट होगा, और समाज में व्याप्त भेदभाव को मिटाया जा सकेगा।
वक्फ बोर्ड पर गंभीर आरोप
पंडित शास्त्री ने अपनी पदयात्रा के दौरान वक्फ बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि "2005 तक वक्फ के पास कुछ सौ एकड़ जमीन थी, अब यह बढ़कर साढ़े आठ लाख एकड़ हो गई है," और इस वृद्धि को लेकर शास्त्री ने चिंता जताई। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड संसद और अन्य स्थानों पर भी दावा कर रहा है, जो हिंदू समाज के लिए चिंता का विषय है। शास्त्री ने इसे हिंदू समाज को कमजोर करने की साजिश बताया और इसे रोकने का आह्वान किया।
लव जिहाद के खिलाफ शास्त्री की नाराजगी
पंडित शास्त्री ने लव जिहाद पर भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में शामिल कई लोग अपनी बेटियों को लव जिहाद के कारण खो चुके हैं, और यह बहुत गंभीर मामला है। शास्त्री का कहना था कि लव जिहाद हिंदू समाज की संस्कृति को नुकसान पहुंचा रहा है और इसके खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने समाज में जागरूकता फैलाने के लिए यात्रा को जरूरी बताया।
हिंदू समाज में जात-पात की दीवारों को तोड़ने का प्रण
धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी यात्रा के दौरान जात-पात की दीवारों को तोड़ने का प्रण लिया। उन्होंने कहा कि "जातियों में बटेंगे तो कटेंगे," और इसलिए उन्होंने अपने मिशन के तहत हिंदू समाज को एकजुट करने का संकल्प लिया। शास्त्री ने यह भी कहा कि उनकी यात्रा किसी दिखावे के लिए नहीं है, बल्कि यह हिंदू समाज के भीतर एकता और भाईचारे का संदेश है। उनका उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करके उसे आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है।