विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में चीन के साथ सीमा समझौते और द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से जानकारी दी। जयशंकर ने लोकसभा में मंगलवार को इसी मुद्दे पर चर्चा के बाद उच्च सदन को भी एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर हालिया घटनाक्रमों और इसके द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव के बारे में बताया।
S. Jaishankar: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में पूर्वी लद्दाख के सीमा क्षेत्र में हालात और सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने भारत और चीन के बीच हालिया समझौतों और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर इनके प्रभाव के बारे में चर्चा की। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि सीमा पर शांति और स्थिरता दोनों देशों के रिश्तों की बुनियाद हैं।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी-जिनपिंग मुलाकात
जयशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। इससे पहले 21 अक्टूबर को सैनिकों की वापसी को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी। इस सहमति के तहत सीमा पर शांति बहाल करने और संबंध सुधारने के लिए कदम उठाने पर जोर दिया गया।
सैनिकों की वापसी और गश्त शुरू
जयशंकर ने बताया कि समझौते के बाद पारंपरिक चरागाह क्षेत्रों और महत्वपूर्ण स्थलों पर भारतीय गश्त को दोबारा शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 2020 की घटनाओं के बाद से सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करना प्राथमिकता रही है। हाल ही में हुए समझौते ने इस दिशा में प्रगति की है और अब तनाव कम करने की ओर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
चीन के साथ कूटनीतिक वार्ता
जयशंकर ने अपनी हालिया कूटनीतिक वार्ताओं की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने 4 जुलाई को अस्ताना और 25 जुलाई को वियनतियाने में चीनी विदेश मंत्री के साथ चर्चा की थी। इसके अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भी 12 सितंबर को सेंट पीटर्सबर्ग में बैठक की। 18 नवंबर को ब्राजील में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की और सीमा विवाद को सुलझाने पर बात की।
तीन प्रमुख सिद्धांतों पर जोर
जयशंकर ने सीमा क्षेत्रों के प्रबंधन के लिए तीन सिद्धांत स्पष्ट किए:
1. एलएसी का सम्मान और सख्ती से पालन।
2. यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की कोशिश न करना।
3. पिछले समझौतों का पूरी तरह पालन।
सीमा पर तनाव और संबंधों पर असर
विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर तनाव और घटनाक्रमों ने भारत-चीन संबंधों पर सीधा असर डाला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के अभाव में भारत-चीन संबंध सामान्य नहीं हो सकते। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के रिश्ते आपसी संवेदनशीलता, सम्मान और हित के आधार पर ही आगे बढ़ सकते हैं।