Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव की तैयारी, जानें वोटिंग की तारीखें और प्रक्रिया की जानकारी

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव की तैयारी, जानें वोटिंग की तारीखें और प्रक्रिया की जानकारी
Last Updated: 1 दिन पहले

जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनावों की तैयारियाँ तेजी से शुरू हो गई हैं। राज्य चुनाव आयोग ने वर्तमान पंचायत मतदाता सूचियों के वार्षिक पुनरीक्षण के लिए निर्देश जारी किए हैं। इस प्रक्रिया के तहत 16 नवंबर से 1 दिसंबर तक विशेष कैंप लगाये जाएंगे, जहाँ मतदाता अपने दावे और आपत्तियाँ दर्ज करा सकेंगे। अंतिम मतदाता सूची 6 जनवरी 2025 को प्रकाशित होगी, जिसके बाद चुनावों की घोषणा किसी भी समय की जा सकती है।

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव (Jammu Kashmir Panchayat Chunav) जनवरी में घोषित होने की संभावना है। प्रदेश चुनाव आयोग ने सभी जिलों के उपायुक्तों, जो कि जिला चुनाव पंचायत अधिकारी हैं, को मौजूदा पंचायत मतदाता सूचियों का वार्षिक पुनरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

इस पुनरीक्षण के तहत विशेष कैंप लगाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जनवरी में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया था, जिसके बाद से चुनाव की घोषणा की प्रतीक्षा की जा रही है।

पंचायती चुनावों की तैयारी

अब पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद, पंचायती चुनावों के लिए आवश्यकताओं का आधार एक जनवरी 2025 निर्धारित किया गया है। इस तिथि तक 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के युवा मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करा सकते हैं।

यह पुनरीक्षण जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम 1989 की धारा 38 के तहत किया जा रहा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर के सभी मतदान केंद्रों पर छह विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे।

कैंपों की तिथियां

पंचायती चुनाव की तैयारियों के तहत, मतदाता दावों और आपत्तियों के लिए विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे। पहला कैंप 16 नवंबर को होगा, इसके बाद 17 नवंबर, 23 नवंबर, 24 नवंबर, 30 नवंबर और 1 दिसंबर को भी कैंप लगेंगे। इन कैंपों में सभी पंचायत चुनाव बूथ अधिकारी अपने संबंधित मतदान केंद्रों पर उपस्थित रहेंगे, जहां वे आवश्यक प्रपत्रों के साथ मतदाताओं की सहायता करेंगे। इसके अलावा, असेंबली बीएलओ भी कैंपों में मौजूद रहेंगे।

जिला उपायुक्तों को बीडीओ की तैनाती का निर्देश

जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए जिला उपायुक्तों को बीडीओ (ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर) को तैनात करने का निर्देश दिया गया है। बीडीओ सभी दावों और आपत्तियों को स्वीकार करेंगे, जिन्हें बाद में जिला उपायुक्तों को सौंपा जाएगा।

दूसरे दिन सभी दावे और आपत्तियां प्रस्तुत की जाएंगी, और ईआरओ (इलेक्शन रिटर्निंग ऑफिसर) 20 दिसंबर को इनका निपटारा करेंगे। अंतिम पंचायत मतदाता सूचियां 6 जनवरी 2025 को प्रकाशित की जाएंगी, जिसके बाद चुनावों की घोषणा की जा सकती है।

10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हाल ही में संपन्न हुए हैं। आर्टिकल 370 हटने के बाद यह पहला अवसर था जब यहां विधानसभा चुनाव कराए गए। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान हुआ। इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को जीत मिली, जिसके बाद उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बने।

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