Jammu Kashmir Budget: J&K बजट के दौरान उमर अब्दुल्ला ने रखी रोजेदारी, लिया बड़ा संकल्प, कहा - 'रमजान में दोबारा ऐसा नहीं करूंगा'

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जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने 7 मार्च को बजट पेश किया। रोजे के दौरान 1 घंटा 40 मिनट का भाषण देने के बाद कहा कि वह अब रमजान में बजट पेश नहीं करेंगे।

Jammu Kashmir Budget: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को प्रदेश का बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह अब दोबारा कभी पाक रमजान के दौरान रोजे की स्थिति में बजट पेश नहीं करेंगे। बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह वर्ष 2018 के बाद प्रदेश में पहला बजट है और बतौर वित्तमंत्री यह उनका पहला बजट पेश करने का अनुभव रहा।

रोजे के दौरान दिया 1 घंटा 40 मिनट लंबा भाषण

विधानसभा में उमर अब्दुल्ला ने बिना रुके 1 घंटा 40 मिनट तक भाषण दिया। उन्होंने रोजा रखा हुआ था, जिससे भाषण के अंत में उन्हें कुछ दिक्कत भी हुई। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या रोजा रखते हुए लंबा भाषण देना कठिन रहा? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि बजट सत्र पहले भी बुलाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि भविष्य में वह रमजान के दौरान बजट पेश नहीं करेंगे, और अगर ऐसा करना पड़ा तो स्पीकर से इफ्तार के बाद बजट पेश करने की अनुमति मांगेंगे।

प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की प्रशंसा

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बजट भाषण के दौरान जम्मू-कश्मीर के आर्थिक विकास में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना की। उन्होंने कहा कि कई मौकों पर उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात की, और हर बार केंद्र से उन्हें पूरा सहयोग मिला।

पारंपरिक पोशाक में नजर आए उमर अब्दुल्ला

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बजट पेश करने के दौरान पारंपरिक पोशाक में नजर आए। उन्होंने नीले रंग का ब्लेजर और टोपी के साथ पारंपरिक खान सूट पहना था। अपने बजट भाषण की शुरुआत उन्होंने फारसी दोहे "तन हमा दाग दाग शुद- पुम्बा कुजा कुजा नेहम" (मेरा पूरा शरीर जख्मों से छलनी है, मैं मरहम कहां लगाऊं) से की।

बजट भाषण के दौरान नहीं हुआ कोई हंगामा

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बजट भाषण के दौरान सदन में पूरी शांति बनी रही। एक घंटा 40 मिनट तक चले उनके भाषण के दौरान सत्ताधारी दल के विधायकों ने चार बार मेज थपथपाकर उनका समर्थन किया। बजट भाषण के दौरान किसी भी सदस्य ने कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं किया और सभी विधायकों ने ध्यानपूर्वक बजट सुना।

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