जनगणना से पहले सरकार इन दो मुद्दों पर दे सफाई: कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांगी स्पष्टता

जनगणना से पहले सरकार इन दो मुद्दों पर दे सफाई: कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांगी स्पष्टता
Last Updated: 5 घंटा पहले

केंद्र सरकार शीघ्र ही जनगणना करने का कार्यक्रम बना रही है। इस प्रक्रिया के लिए सरकार ने रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यकाल का विस्तार कर दिया है, और इसके लिए अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने प्रश्न उठाए हैं।

New Delhi: कांग्रेस ने जनगणना पर उठाए सवाल सरकार जल्द ही जनगणना कराने की योजना बना रही है। केंद्र सरकार ने इस प्रक्रिया के लिए रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यकाल को बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इस संदर्भ में कांग्रेस ने कुछ सवाल उठाए हैं। जयराम रमेश ने कहा कि जनगणना के सर्वेक्षण से पहले दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है।

जल्द होने वाली है जनगणना

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक पोस्ट में लिखा कि सरकार की अधिसूचना से यह स्पष्ट होता है कि 2021 में होने वाली जनगणना, जो काफी समय से टल रही थी, अब जल्दी ही संपन्न की जाएगी। उन्होंने आगे यह भी कहा कि जनगणना के सर्वेक्षण से पहले दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर अभी भी कोई स्पष्टता नहीं आई है।

किन दो मुद्दों पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता ने यह प्रश्न उठाया कि 1951 से हर जनगणना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की गणना की जा रही है, तो क्या इस नई जनगणना में जातिगत जनगणना भी शामिल की जाएगी?भारत के संविधान के अनुसार, जातिगत जनगणना का कार्य केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।

उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इस जनगणना का उपयोग लोकसभा में प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधियों की संख्या निर्धारित करने के लिए किया जाएगा, जैसा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 82 में उल्लेखित है। यह अनुच्छेद बताता है कि किसी भी पुनर्गठन का आधार वर्ष 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना और उसके परिणामों के प्रकाशन पर निर्भर करेगा। क्या इस जनगणना का परिणाम उन राज्यों के लिए हानिकारक होगा जो परिवार नियोजन में अग्रणी रहे हैं?

सरकार से की मांग

कांग्रेस नेता ने सरकार से आग्रह किया है कि दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्टता लाने के लिए जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाए। इस मांग का उद्देश्य विभिन्न दलों के बीच संवाद स्थापित कर महत्वपूर्ण मसलों पर सहमति बनाना है, जिससे नीतिगत फैसलों में पारदर्शिता और विश्वास बढ़े।

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