राहुल गांधी आज झारखंड के सिमडेगा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे हैं, जहां उन्होंने बीजेपी पर तीखा हमला किया। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अडानी-अंबानी की मंशा संविधान को खत्म करने की है। हम संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने आदिवासी और वनवासी शब्दों को लेकर भी भाजपा को कठोर शब्दों में घेरा।
सिमडेगा: झारखंड चुनाव 2024 झारखंड में पहले चरण के चुनाव (झारखंड विधानसभा चुनाव 2024) के तहत, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) शुक्रवार को सिमडेगा पहुंचे। इसके बाद, वे लोहरदगा में एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। सिमडेगा में राहुल गांधी ने अपने चुनावी भाषण की शुरुआत "लव यू" के साथ की। इस मौके पर उन्होंने बीजेपी पर तीखा हमला किया। राहुल गांधी ने कहा कि देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है और हम संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सभा में संविधान की किताब दिखाई
राहुल गांधी ने 'लव यू' से की शुरुआत राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत "लव यू" कहकर की और कहा कि देश में दो विचारधाराओं के बीच जंग चल रही है। एक तरफ वो हैं जो संविधान को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और दूसरी तरफ वो हैं जो इसे खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं।
अपने संबोधन के दौरान, राहुल गांधी ने हाथ में संविधान की किताब लेकर यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी-अंबानी चाहते हैं कि संविधान के प्रावधानों का अंत हो। उन्होंने संविधान को एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत किया जो देश के नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करता है।
वनवासी शब्द पर बीजेपी को घेरा
राहुल गांधी ने कहा कि हम आपको 'आदिवासी' कहते हैं, जबकि बीजेपी आपको 'वनवासी' कहती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संविधान में 'वनवासी' शब्द का कोई उल्लेख नहीं है। आदिवासी हमारे देश के पहले मालिक हैं, और जल, जंगल, जमीन पर उनका पहला हक होना चाहिए। बीजेपी की मंशा है कि आदिवासी सिर्फ 'वनवासी' के रूप में सीमित रह जाएं और उनके बच्चे डॉक्टर या इंजीनियर ना बन सकें।
आदिवासी समाज की उपेक्षा
राहुल गांधी का आरोप राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि विकास के नाम पर आदिवासी समुदाय की जमीन छीनी जा रही है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि अगर आपकी जमीन पर फैक्ट्री लगे तो आपके बच्चों को वहीं नौकरी मिले। उन्होंने यह भी कहा कि देश में एससी, एसटी, अल्पसंख्यक, ओबीसी की संख्या 90 प्रतिशत है, लेकिन संवैधानिक संस्थानों में उनकी भागीदारी बेहद कम है।
उन्होंने मीडिया में भी आदिवासी और ओबीसी समुदाय की कम भागीदारी पर चिंता व्यक्त की। गांधी ने कहा, आदिवासी समाज की भागीदारी कम होने का मतलब है कि उन्हें विकास का लाभ नहीं मिल रहा है। उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। हमें उनकी समस्याओं को समझना चाहिए और उन्हें सशक्त बनाने के लिए काम करना चाहिए। गांधी के इस बयान ने एक बार फिर आदिवासी समाज की स्थिति पर चर्चा शुरू कर दी है। यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।
400 रुपये में सिलेंडर देने का वादा
गांधी, मोदी पर लोन माफी का सवाल उठाया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 16 लाख करोड़ रुपये का केवल 25 लोगों का ऋण माफ कर दिया है। लेकिन जब हम किसानों के ऋण माफ़ी की बात करते हैं तो वो कहते हैं कि हम आदत बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, "हम जाति आधारित जनगणना कराएंगे।" गांधी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का लक्ष्य 400 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ग़रीबों पर बोझ डालने वाली नीतियाँ लागू की हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ग़रीबों का साथ देगी और उनकी आवाज़ उठाएगी।
50% से अधिक आरक्षण
15 लाख का स्वास्थ्य बीमा, और अग्निवीर योजना का खात्मा: राहुल गांधी के वादे राहुल गांधी ने अपने चुनाव अभियान में कई बड़े वादे किए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वे 50% से अधिक आरक्षण लागू करेंगे, हर परिवार को स्वास्थ्य बीमा के तहत 15 लाख तक कवर देंगे, एससी-एसटी, ओबीसी आरक्षण बढ़ाएंगे, और अग्निवीर योजना को खत्म करेंगे।
इसके अलावा, उन्होंने 400 रुपये में सिलेंडर देने का वादा भी किया है। यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी इस चुनाव में युवाओं, गरीबों और पिछड़े वर्गों को लुभाने के लिए कई बड़े वादे कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इन वादों पर कितना विश्वास करती है और क्या वे इन वादों को पूरा कर पाएंगे।