विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना हेमंत सोरेन सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। कुछ दिन पहले, इस योजना को अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि केवल 14 से 15 दिनों में प्रति माह एक हजार रुपये प्रदान करने के लिए राज्य के 42 लाख से अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा गया है।
Maiya Samman Yojana: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना पर रोक लगाने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। सिमडेगा के निवासी विष्णु साहू ने अपने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से यह याचिका दाखिल की है। याचिका में दावा किया गया है कि यह योजना आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं को लुभाने के लिए लाई गई है।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि चुनावी लाभ के लिए किसी को मुफ्त में कुछ भी नहीं दिया जा सकता। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह योजना चुनावी लाभ के लिए चलाई जा रही है, इसलिए इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।
मंईयां सम्मान योजना' क्या है ?
हेमंत सोरेन की 'मंईयां सम्मान योजना' एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य महिलाओं और बुजुर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, अगर किसी घर में तीन महिलाएं और बुजुर्ग हैं, तो सरकार सालाना 60 हजार रुपये की सहायता देती है। इसके अलावा, अगली बार सरकार आने पर इस राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति परिवार करने की योजना है। इस योजना से अब तक 42 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं, जो इसकी व्यापक पहुंच और प्रभावशाली लाभ को दर्शाता है।
आवेदन करने की प्रक्रिया
मिली जानकारी के अनुसार, विभाग ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवेदन पत्रों के संग्रहण के लिए विशेष केंद्र स्थापित किए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्र और पंचायत भवन, और शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्र या उपायुक्त द्वारा निर्धारित स्थल को आवेदन संग्रहण केंद्र के रूप में कार्य करने का निर्देश दिया गया है।
इन केंद्रों पर सरकारी कर्मी, आंगनबाड़ी सेविका या सहायिका आवेदकों से आवेदन पत्र प्राप्त करेंगे और पावती देंगे। पावती पर प्राप्तिकर्ता का नाम, पदनाम और मोबाइल संख्या स्पष्ट रूप से अंकित किया जाएगा, जिससे आवेदन की प्राप्ति और पावती की प्रक्रिया पारदर्शी और मान्यता प्राप्त हो सके।
ऑफलाइन भी हो सकता है आवेदन
महिला इस योजना का लाभ लेने के लिए अब ऑफलाइन आवेदन भी कर सकती हैं। आवेदन जमा करने के बाद, लाभुकों को योजना का लाभ प्रदान करने के लिए डिजिटाइजेशन का कार्य जैप आइटी द्वारा विकसित पोर्टल पर किया जाएगा। यह डिजिटाइजेशन प्रक्रिया उपायुक्त के दिशा-निर्देशों में पूरी की जाएगी, जिससे योजना का लाभ सही और समय पर प्रदान किया जा सके।
आवेदन में आवश्यक दस्तावेज
झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए अब मतदाता पहचान पत्र अनिवार्य नहीं होगा। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए हाल ही में एक एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) जारी किया है।
एसओपी के अनुसार, आवेदिका को आवेदन के साथ ये दस्तावेज देने होंगे:-
-एक पासपोर्ट साइज फोटो
-आधार कार्ड की छायाप्रति
-बैंक पासबुक की छायाप्रति
-राशन कार्ड की छायाप्रति