झुंझुनं की बेटी कैप्टन संध्या को मिली दिल्ली परेड की कमान, तीनो सेनाओं की संयुक्त महिला टुकड़ी का किया नेतृत्व

झुंझुनं की बेटी कैप्टन संध्या को मिली दिल्ली परेड की कमान, तीनो सेनाओं की संयुक्त महिला टुकड़ी का किया नेतृत्व
Last Updated: 03 फरवरी 2024

देश में वीर सैनिकों के शौर्य और पराक्रम की बात की जाती है तो झुंझुनू जिले का नाम उसमें सबसे ऊपर आता है।  झुंझुनूं देश में सर्वाधिक शहीद और सैनिक देने वाला जिला है. आज नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) परेड में झुंझुनू की बेटी ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर यह साबित कर दिया है कि झुंझुनू की बेटियां भी शौर्य में बेटों से कम नहीं हैं।

 

भारतीय सेना के इतिहास में दर्ज करवाया नाम 

Subkuz.com की खबरों के अनुसार दिल्ली में 75 वे गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार जल सेना, थल सेना और वायु सेना के संयुक्त महिला टुकड़ी का नेतृत्व करने का सौभाग्य झुंझुनू जिले की बेटी कैप्टन संध्या महला को मिला है. जानकारी के मुताबिक झुंझुनू जिले के इस्लामपुर कस्बे के निकटवर्ती मुरौत का बास गांव की निवासी सूबेदार मेजर कुरडाराम महला की बेटी कैप्टन संध्या महला ने यह गौरव हासिल किया है। कैप्टन संध्या ने भारतीय सेना के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करवा लिया हैं।

बताया है कि कैप्टन संध्या ने 2021 में सेना में कमीशन प्राप्त किया था और उनकी पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल जालंधर कैंट पंजाब में हुई थी। अपने स्कूली जीवन में ही वह एनसीसी कैडेट रह चुकी हैं और वहीं से उनको सेना में जाने की प्रेरणा मिली। पहली बार कैप्टन संध्या तीनों सेना की महिला टुकड़ी के साथ आन, बान और शान से कदम से कदम मिलाकर चल रही थी। कैप्टन संध्या ने झुंझुनूं के गौरव को बढ़ा दिया है।

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