जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून पर तीखा हंगामा हुआ। विधायकों के बीच हाथापाई के बाद कार्यवाही स्थगित हुई। महबूबा मुफ्ती ने इसे मुस्लिम अधिकारों पर हमला बताया।
JK Assembly: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार, 8 अप्रैल को वक्फ कानून को लेकर जबरदस्त हंगामा और तीखी नारेबाजी हुई। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, नेशनल कांफ्रेंस (NC) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के विधायकों ने वक्फ एक्ट को निरस्त करने की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। हालात इतने बिगड़े कि विधायक आपस में भिड़ गए और हाथापाई तक पहुंच गए, जिसके बाद स्पीकर को कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी।
PDP विधायक ने पेश किया वक्फ बिल रद्द करने का प्रस्ताव
PDP विधायक वाहिद उर रहमान ने सदन में वक्फ बिल को निरस्त करने का प्रस्ताव रखा, जिसके बाद विपक्षी दलों ने एकजुट होकर विरोध शुरू कर दिया। विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर लगातार तनाव बना रहा और पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस और शारीरिक झड़प भी देखने को मिली।
महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान
PDP प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वक्फ बिल को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “वक्फ का मुद्दा केवल आस्था का नहीं, बल्कि भारत के 24 करोड़ मुसलमानों के अधिकारों और सम्मान पर सीधा हमला है।”
महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य होने के नाते, इस समय लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर सरकार से इस मुद्दे पर राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने की अपील की और कहा कि सरकार को इस प्रस्ताव को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि जनता की आवाज सुनी जा सके।
राजनीतिक तनाव और धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा बना मुख्य मुद्दा
वक्फ एक्ट को लेकर उत्पन्न हुआ यह विवाद सिर्फ एक कानून तक सीमित नहीं है, बल्कि धार्मिक और अल्पसंख्यक अधिकारों से जुड़ा एक संवेदनशील राजनीतिक मुद्दा बन गया है। यह विरोध आगामी विधानसभा सत्रों में और भी तीव्र हो सकता है।