कर्नाटक: किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा, सरकार पर मिलीभगत के आरोप

कर्नाटक: किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा, सरकार पर मिलीभगत के आरोप
Last Updated: 1 दिन पहले

कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने किसानों की 1200 एकड़ भूमि पर अपना दावा पेश किया है। इसके साथ ही किसानों को नोटिस भी जारी किए गए हैं। इस स्थिति के चलते किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और आत्महत्या की धमकी भी दे रहे हैं।

विजयपुरा: कर्नाटका के विजयपुरा में वक्फ बोर्ड ने किसानों की 1200 एकड़ भूमि पर अपना दावा पेश किया है। वक्फ बोर्ड ने किसानों को संबंधित नोटिस भी जारी कर दिया है। इस नोटिस के बाद राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। विजयपुरा जिले के होनवाड़ा गांव की 1200 एकड़ भूमि पर शाह अमीनुद्दीन दरगाह ने अपना अधिकार जताया है।

स्थानीय तहसीलदार ने भूमि के मालिक किसानों को नोटिस भेजकर इस पर जवाब मांगा है। वहीं, टिकोटा तालुका के होनवाड़ा गांव के किसानों ने इसकी शिकायत स्थानीय विधायक और कांग्रेस सरकार के मंत्री एमबी पाटिल से की है।

मंत्री जमीर अहमद खान ने की बैठक

किसानों ने आरोप लगाया है कि संबंधित अधिकारी इस क्षेत्र को शाह अमीनुद्दीन दरगाह से जुड़े मुस्लिम धार्मिक संस्थान के रूप में नामित करने का प्रयास कर रहे हैं। तहसीलदार ने एक नोटिस भेजा है, जिसमें पुराने सरकारी रिकॉर्ड का हवाला देते हुए जमीनों को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताया गया है। किसानों का कहना है कि राज्य के आवास, वक्फ और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री जमीर अहमद खान ने इस महीने की शुरुआत में वक्फ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी।

इस बैठक में वक्फ भूमि पर 'अतिक्रमण' के मुद्दे पर चर्चा की गई थी। इन चर्चाओं के परिणामस्वरूप अधिकारियों ने 'अवैध अतिक्रमण' को हटाने का प्रयास किया और इसी के तहत यह विवादास्पद नोटिस जारी किया गया है।

बैठक के बाद किसानों को भेजी गई नोटिस

किसानों को भेजी गई नोटिस में बताया गया है कि यह भूमि शाह अमीनुद्दीन दरगाह की है। वहीं, किसानों का कहना है कि यह दरगाह सदियों से अस्तित्व में नहीं है, जबकि उनके परिवार पीढ़ियों से इन जमीनों के मालिक हैं। लगभग 41 किसानों को नोटिस प्राप्त हुई है, जिसमें उनसे स्वामित्व के दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। वक्फ बोर्ड का दावा है कि ये नोटिस 1974 के गजट की घोषणा पर आधारित हैं। वक्फ बोर्ड के अनुसार, राज्य सरकार ने इस भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया था और इसे गजट में दर्ज किया गया था। हालांकि, कुछ नोटिस गलती से किसानों को भेज दिए गए हैं। वक्फ बोर्ड का कहना है कि यदि किसानों के पास वैध भूमि रिकॉर्ड हैं, तो वे उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।

बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप

नोटिस मिलने के बाद किसान तनाव में हैं और बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। होनवाड़ा के किसानों ने स्पष्ट किया है कि वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने न्याय मिलने तक अपने संघर्ष को जारी रखने का दृढ़ संकल्प लिया है।

विजयपुरा के किसानों ने मंत्री M B पाटिल से मुलाकात के बाद बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या से भी चर्चा की। तेजस्वी सूर्या ने कहा कि कांग्रेस सरकार एक विशेष धर्म को खुश करने के लिए किसानों की जमीन को वक्फ बोर्ड को सौंपने की साजिश कर रही है। वहीं, मंत्री M B पाटिल ने किसानों को इस मुद्दे पर न्याय दिलाने का वादा किया है।

किसानों का शोषण कर रही सरकार

कर्नाटक के एक किसान प्रभु गौड़ा ने आरोप लगाया है कि वक्फ बोर्ड राज्य सरकार की सहायता से उनकी जमीनों पर कब्जा करने की योजना बना रहा है। उन्होंने चेतावनी दी, "यदि वक्फ बोर्ड 4 एकड़, 10 एकड़, या 5 एकड़ जमीन हड़पने में सफल होता है, तो हमारे पास केवल आत्महत्या करने का ही विकल्प बचेगा।" किसानों के इस संकट को लेकर स्थिति गंभीर होती जा रही है।

किसानों ने आत्महत्या की दी धमकी

एक अन्य किसान, अरविंद कुलकर्णी ने कहा, आज तक दस्तावेजों और पूर्व में भेजे गए नोटिस में वक्फ बोर्ड का नाम नहीं था, लेकिन मंत्री जमीर के आने के बाद स्थिति बदल गई है। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को अचानक इस प्रकार की नोटिस भेजने से चिंता बढ़ गई है। किसान कह रहे हैं कि या तो उन्हें दिल का दौरा पड़ेगा या फिर वे ज़हर पी लेंगे। अगर हमारी एक इंच जमीन भी छिनी गई, तो हमारे पास जान देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा। हम सभी जिलाधीश कार्यालय के बाहर आत्महत्या कर लेंगे।

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