सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के रेप-हत्या मामले को पश्चिम बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य में मामले की निष्पक्ष सुनवाई संभव है।
RG Kar hospital rape murder case: सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में हुई रेप-हत्या मामले की सुनवाई को पश्चिम बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कदम उठाने से न्यायिक प्रणाली पर संदेह हो सकता है, इसलिए मामले की सुनवाई जारी रखी जाएगी।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुनवाई
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। इसमें न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं, जो कि महिला चिकित्सक की हत्या में शामिल होने का आरोपी है।
मुख्य आरोपी संजय रॉय का दावा
मुख्य आरोपी संजय रॉय ने अदालत में दावा किया कि उसे फंसाया गया है। सीबीआई ने अपने शुरुआती आरोप पत्र में रॉय को इस मामले का एकमात्र मुख्य आरोपी बताया था। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वकील ने कहा कि 90 दिनों की जांच में जांच एजेंसी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है और केवल राज्य पुलिस के बयान को समर्थन दिया है।
अदालत का फैसला
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, सीजेआई ने कहा कि यदि ट्रायल जज को लगता है कि मामले में नई जांच की आवश्यकता है, तो वह उसके लिए आदेश दे सकते हैं। एक वकील ने दलील दी कि मुकदमे की परिस्थितियों को देखते हुए इसे पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित किया जाना चाहिए, और इस तरह के उदाहरण पहले भी देखने को मिले हैं। इस पर सीजेआई ने कहा, "हम जानते हैं कि कुछ मामलों में स्थानांतरण हुआ है, जैसे मणिपुर से असम में। लेकिन इस मामले में हम ऐसा नहीं कर रहे हैं। मुकदमे को जज के सामने चलने दें, अन्यथा यह हमारी न्यायिक प्रणाली पर संदेह पैदा करेगा।"
सीजेआई की कड़ी टिप्पणी
पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने मुकदमे को रोकने की कोशिश का आरोप लगाया, जिस पर सीजेआई ने सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वित्तीय अनियमितताओं की जांच पूरी तरह से की जा रही है और हम कोई ऐसा मुद्दा नहीं उठाना चाहते जो जांच को प्रभावित करे।
इस दौरान, अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों को प्रतिदिन दर्ज करने का आदेश जारी होने पर सवाल उठाए, जिसे सीजेआई ने स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि इसे रोका नहीं जाएगा।
एक अन्य वकील ने पश्चिम बंगाल के लोगों का न्यायपालिका और राज्य पुलिस पर से विश्वास उठने का आरोप लगाया, जिस पर सीजेआई ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, "लोगों के बारे में बात मत करो, तुम किसके लिए पेश हो रहे हो?" सर्वोच्च न्यायालय आरजी कर अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले की सुनवाई कर रहा है, जिसके कारण कोलकाता में व्यापक विरोध और आक्रोश फैल चुका है।