काशी के सांसद नरेन्द्र मोदी जी का बाबा विश्वनाथ और गंगा माई के साथ दिल का नाता है। इस बात का अंदाजा उनके कहने से ज्यादा उनकी बातचीत और व्यवहार में ही दिख जाता हैं।
वाराणसी: काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का बाबा विश्वनाथ और गंगा माई के साथ दिल का नाता है। यह बात वो खुद भी कई बार कहते हैं और उनकी बातचित-व्यवहार को देखकर भी इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है। मोदी जी बनारस से लोकसभा चुनाव के लिए तीसरी बार नामांकन पत्र दाखिल करने जाएंगे। उस दौरान का समय बहुत भावुक करने वाला होगा। क्योकि मोदी जी को जन्मदात्री मां की बहुत याद आएगी, जिनके चरण स्पर्श करके हर बार नामांकन करने के लिए जाते थे। इस बार उनकी यादों के साथ गंगा स्नान करके और उनका आशीर्वाद लेकर पर्चा दाखिल करने के लिए जाएंगे।
मोदी जी हर बार मां के पैर छू कर जाते नामांकन करने
Subkuz.com के पत्रकारों से बातचीत करते हुए मोदी जी ने कहां कि पहली बार से अब तक जितने भी चुनाव के लिए नामांकन किए, उन सब में मां के पैर छूकर जाता रहा हूं। यह मेरी जिंदगी का पहला चुनाव होगा, जब मैं अपनी मां का पैर छुए बिना नामांकन करने जाऊंगा। लेकिन मुझे ज्ञात है कि 140 करोड़ के देश की करोड़ो माताओं का आशीर्वाद मेरे साथ हैं. इस बार के नामांकन में अपनी मां का स्मरण कर के जाऊंगा और फिर मां गंगा और देश की करोड़ों माताओं का आशीर्वाद तो मेरे साथ ही हैं।
नामांकन से पहले मोदीजी ने क्या कहां?
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी जी साल 2014 में काशी से पहली बार नामांकन करने आए. मीडिया से बातचीत करने के दौरान उनके मन के भाव उमड़ रहे थे. उन्होंने कहां कि न तो मुझे किसी ने यहां भेजा है, न मैं यहां किसी के बुलाने पर आया हूं, यह तो मां गंगा का प्यार है, जो मुझे अपनी और खींच लाई। एक बालक जैसे अपनी मां की गोद में आता है, वैसी ही अनुभूति के साथ मैं यहां आया हूं। काशी के प्रबुद्धजनों को संबोधित करते हुए मोदी जी ने कहां, ‘सांसद रहते हुए प्रधानमंत्री की पारी की शुरुआत मैंने गंगा माई और बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद के साथ की थी। तब गंगा तट पर संकल्प लेते वक्त मन में इक ही विचार आ रहा था कि मैं काशी की उम्मीदों पर खरा उतर पाऊंगा भी या नहीं। कशी के साथ मेरा मां-बेटे जैसा रिश्ता हैं।
मोदी जी शुभ नक्षत्रों में करंगे नामांकन
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी जी लोकसभा चुनाव के लिए तीसरी बार मंगलवार,14 मई को वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि के शुभ अवसर में नामांकन करेंगे। शास्त्रों में बताया गया है कि इस तिथि में ही स्वर्गलोक में गंगा माता की उत्पत्ति हुई थी और भगवान शिव की जटाओं में समाई थी। इस तिथि पर विशेष नक्षत्रराज पुष्य, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग इन तीन का अद्भुत संयोग बन रहा हैं जो शुभ कार्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण तथा फलदायी हैं।