लोकसभा चुनाव के छह चरणों के चुनाव समाप्त ही गए है. अब सातवें चरण के चुनाव में उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक हाई प्रोफाइल वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने गठबंधन के उम्मीदवार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार राय हैं।
लखनऊ: आइएनडीआइए (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) अपनी एकजुटता दिखाने के लिए वाराणसी में गठबंधन के बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार करने के लिए मैदान में उतारने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन सहित अन्य बड़े नेताओं से समय मांगा गया है। बताया कि 28 मई को राहुल गांधी और अखिलेश यादव की संयुक्त रैली में इन बड़े नेताओं को भी एक मंच पर एकत्र किया जाने की संभावना हैं।
सूत्रों ने Subkuz.com के माध्यम से बताया कि सर्वाधिक हाई प्रोफाइल वाराणसी सीट पर पीएम मोदी जी को दूर-दूर तक टक्कर देने वाला कोई नहीं है। मोदी जी ने गुरुवार को जनसभा में भाषण देते हुए कहां था कि क्योटो (वह वाराणसी को अपनी सभाओं में इसी नाम से पुकारते हैं) में चुनावी लड़ाई है। ऐसे में माना जा रहा है कि गठबंधन के अन्य अभी बड़े नेताओं को वाराणसी बुलाकर विपक्षी गठबंधन की एकजुटता प्रदर्शित करना चाहते हैं।
संजय सिंह कांग्रेस की सभा में नहीं हुए शामिल
सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अभी तक गठबंधन की जितनी भी चुनावी सभाएं हुई हैं उनमें कांग्रेस के पक्ष में आने वाली किसी भी सीट पर अखिलेश यादव पर डिंपल यादव को छोड़कर समाजवादी पार्टी कोई भी बड़ा नेता सभा और रैली में शामिल नहीं रहा है। इसके साथ ही गठबंधन की अन्य पार्टियों का भी कोई बड़ा नेता शामिल नहीं हुआ है। दिल्ली, महाराष्ट्र, झारखंड में भी गठबंधन की कोई संयुक्त रैली अभी तक नहीं हो पाई हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय कुमार सिंह अखिलेश यादव की सीट कन्नौज में राहुल गांधी के साथ रैली में शामिल हुए थे, लेकिन अन्य किसी भी सीट पर उन्होंने कांग्रेस के साथ मंच साझा नहीं किया हैं। केजरीवाल जी ने जेल से छूटने के बाद लखनऊ का दौरा किया तो उनकी प्रेस कान्फ्रेंस में केवल अखिलेश यादव ही साथ थे, कांग्रेस का कोई नेता उनके साथ नजर नहीं आया था।
गृह मंत्री अमित शाह ने गठबंधन पर कसा तंज
भारतीय जनता पार्टी के नेता व गृह मंत्री श्री अमित शाह अपनी सभी सभा में यह मुद्दा जरूर उठाते हैं कि गठबंधन में शामिल पार्टियों के नेता हर साल बारी-बारी से प्रधानमंत्री बनाने का जिक्र कर रहे हैं। तथा यह कहते हुए वह विपक्ष को चेतावनी भी देते हैं कि देश कोई चूरन बेचने की दुकान नहीं है। उनके ऐसे व्यंग्य पूर्ण भाषण से भीड़ का मनोरंजन होता रहता हैं। अंतिम चरण में दिखावें की खातिर विपक्ष गठबंधन को जुटाने की कोशिश कर रहा हैं।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डा.सीपी कुमार राय ने कहां कि गठबंधन में शामिल पार्टियों के सभी बड़े नेताओं से चुनाव प्रचार करने का समय मांगा गया है। यह कांग्रेस की रणनीति का एक हिस्सा है कि सभी नेताओं को एकजुट करके काशी की जनता को बदलाव का संदेश दिया जाए। बताया कि पहले छह चरणों के चुनाव में गठबंधन के बड़े नेता अपने-अपने राज्यों में चुनाव प्रचार करने में व्यस्त थे, इसलिए उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान सभा और रैलियों में शामिल नहीं हो सकें थे।