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Maharashtra Election: भतीजे अजित को हराने के लिए 'दादा' ने चला बड़ा दांव, जानिए योगेंद्र पवार और उनकी चुनावी रणनीति

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी (शरद गुट) द्वारा युगेंद्र पवार को बारामती विधानसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है। युगेंद्र पवार, शरद पवार के पोते हैं और वे अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। हाल ही में एनसीपी ने यह घोषणा की थी कि अजित पवार इस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। युगेंद्र ने नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी, बोस्टन से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।

Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बारामती सीट एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। लोकसभा चुनाव के बाद, पवार परिवार एक बार फिर आमने-सामने हैं। हाल ही में, एनसीपी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें यह घोषणा की गई है कि अजित पवार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, एनसीपी (शरद गुट) ने भी इस सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। एनसीपी (शरद गुट) की तरफ से युगेंद्र पवार को उम्मीदवार बनाया गया है।

युगेंद्र पवार कौन हैं?

युगेंद्र पवार ने नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी, बोस्टन से व्यवसाय प्रशासन में स्नातक डिग्री प्राप्त की है। वे शरद पवार द्वारा स्थापित शैक्षिक संस्थान विद्या प्रतिष्ठान के कोषाध्यक्ष भी हैं। युगेंद्र कई बार दादा शरद पवार की चुनावी रैलियों में देखे जा चुके हैं। साल 1993 से, अजित पवार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हुए लगातार जीत हासिल करते आए हैं। उन्होंने वर्ष 2019 में भाजपा के उम्मीदवार को हराया था।

उल्लेखनीय है कि बारामती विधानसभा सीट, बारामती लोकसभा क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस वर्ष के लोकसभा चुनाव में, अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत किया था। हालांकि, सुनेत्रा पवार को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।

बारामती जनता शरद पवार के साथ: योगेंद्र पवार

चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ने के संबंध में योगेंद्र पवार ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं और मैं पार्टी, आदरणीय पवार साहब (शरद पवार), प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, और हमारी कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले द्वारा दी गई जिम्मेदारी को विनम्रता से स्वीकार करता हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा, लेकिन यह लड़ाई भी कठिन नहीं है। हम उन्हें दादा कहते हैं और उनका सम्मान करते हैं, लेकिन बारामती की जनता शरद पवार के साथ खड़ी है। जनता ने लोकसभा चुनाव में भी इस बात को स्पष्ट किया था। आगामी विधानसभा चुनाव में भी जनता अपनी राय व्यक्त करने के लिए तैयार है।

बेरोजगारी बनी गंभीर समस्या: युगेंद्र पवार

युगेंद्र पवार ने कहा कि केवल बारामती ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। स्थानीय नेता बारामती की जनता की समस्याओं को अनसुना कर रहे हैं। हमें ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो जनता की आवाज सुनें। इसके अलावा, इस विधानसभा क्षेत्र में पानी की भारी कमी भी है। वर्तमान समय में लगभग 25 से 30 गांव ऐसे हैं, जहां पीने के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है।

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