महाराष्ट्र में हाल ही में हुए चुनावी नतीजों में महायुति को भारी जीत मिलने के बाद विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) में दरारें पड़ने लगी हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के महाराष्ट्र प्रमुख अबु आजमी ने शनिवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी ने महा विकास अघाड़ी (MVA) छोड़ने का निर्णय लिया हैं।
मुंबई: महाराष्ट्र में हाल ही में हुए चुनावी नतीजों में महायुति को भारी जीत मिलने के बाद विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) में दरारें पड़ने लगी हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के महाराष्ट्र प्रमुख अबु आजमी ने शनिवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी ने महा विकास अघाड़ी (MVA) छोड़ने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे का बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर रुख, जो उनके पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ है, उसी कारण सपा ने यह कदम उठाया है।
अबु आजमी ने बताया कि इस निर्णय के बाद उनकी पार्टी भविष्य में शिवसेना के साथ गठबंधन में नहीं रहेगी, क्योंकि उनका मानना है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस पर शिवसेना का रुख समाज के एक बड़े हिस्से को आहत करता हैं।
समाजवादी पार्टी ने छोड़ा गठबंधन
सपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अबु आजमी ने महा विकास अघाड़ी (MVA) छोड़ने का निर्णय लिया है और इसके पीछे शिवसेना-यूबीटी के रुख को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि शिवसेना-यूबीटी की ओर से एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था जिसमें बाबरी मस्जिद के विध्वंस में शामिल लोगों को बधाई दी गई थी। इसके अलावा, शिवसेना के नेताओं ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी मस्जिद के गिराए जाने का स्वागत किया था। इस पर अबु आजमी ने कहा कि इस तरह के बयान से वह और उनकी पार्टी सपा सहमत नहीं हो सकती, क्योंकि इससे समाज के एक बड़े हिस्से को आहत किया गया हैं।
अबु आजमी ने यह भी कहा कि अगर महा विकास अघाड़ी में कोई इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता है, तो उसमें और भाजपा के बीच कोई फर्क नहीं रह जाता। उन्होंने यह सवाल उठाया कि यदि इस प्रकार के बयान महा विकास अघाड़ी में दिए जा रहे हैं तो उनकी पार्टी वहां क्यों रहे? इस मुद्दे को लेकर अब वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से चर्चा कर रहे हैं। इससे पहले, शिवसेना-यूबीटी के नेता मिलिंद नार्वेकर ने एक्स अकाउंट पर बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़ी एक तस्वीर पोस्ट की थी।
सपा और MVA के बीच तकरार
सपा की महा विकास अघाड़ी (MVA) से दूरी बनाने की नींव पहले ही विधानसभा चुनाव से पहले रखी जा चुकी थी। उस वक्त समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने एमवीए के उम्मीदवार चयन प्रक्रिया पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि एमवीए समाजवादी पार्टी को उचित सीटें नहीं देना चाहता। अबु आजमी ने इस स्थिति में अकेले चुनाव लड़ने की बात भी कही थी। उन्होंने यह भी बताया था कि अगर एमवीए उनकी बात नहीं सुनता, तो समाजवादी पार्टी के पास अकेले चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सपा ने महा विकास अघाड़ी के स्थापित दलों के बावजूद अपने उम्मीदवार उतारे और भिवंडी ईस्ट और मानखुर्द शिवाजी नगर सीटों पर जीत हासिल की। भिवंडी ईस्ट से रईस कसम शेख और मानखुर्द शिवाजी नगर से अबु आजमी ने जीत दर्ज की।
चुनाव परिणामों में महायुति को शानदार सफलता मिली, उसे 288 सदस्यीय विधानसभा में 230 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को सिर्फ 46 सीटें मिलीं। शिवसेना-यूबीटी 20 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं और राकांपा (एसपी) को महज 10 सीटें ही हासिल हुईं। इन नतीजों के बाद सपा ने महा विकास अघाड़ी से अपनी दूरी और बढ़ा ली।