MUDA Scam: ईडी ने मुदा के छह कर्मचारियों को भेजा नोटिस, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भी गिर सकती है गाज, क्या है मुदा घोटाला?

MUDA Scam: ईडी ने मुदा के छह कर्मचारियों को भेजा नोटिस, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भी गिर सकती है गाज, क्या है मुदा घोटाला?
Last Updated: 6 घंटा पहले

ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) इन कर्मचारियों से अलग-अलग दिन पूछताछ करेगी, और यह पूछताछ बंगलूरू स्थित ईडी के जोनल मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। इस प्रक्रिया के दौरान, एजेंसी इन कर्मचारियों से विभिन्न मामलों से संबंधित सवाल पूछेगी ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके।

क्राइम न्यूज़: कर्नाटक के muda घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसूर अर्बन डेवलेपमेंट अथॉरिटी (मुदा) के छह कर्मचारियों को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। यह पूछताछ ईडी के बंगलूरू स्थित जोनल मुख्यालय में अलग-अलग दिनों पर होगी। जब कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर से ईडी के समन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि प्रक्रिया अभी जारी हैं।

उन्होंने चन्नपटना सीट से निखिल कुमारस्वामी के एनडीए उम्मीदवार बनने के बारे में भी बात की और कहा कि यह हमारे लिए चिंता का विषय नहीं है। हमारा ध्यान इस बात पर है कि हम चुनाव कैसे जीतें और हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं।

क्या है Muda घोटाला?

मुदा घोटाला मुआवजा स्थलों के आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है। यह घोटाला 3.2 एकड़ जमीन से संबंधित है, जिसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुनस्वामी ने 2010 में उपहार में दिया था। MUDA द्वारा जमीन अधिग्रहण के बाद पार्वती ने मुआवजे की मांग की, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 14 प्लॉट आवंटित किए गए। आरोप है कि ये प्लॉट मूल भूमि की कीमत से काफी ज्यादा मूल्य पर आवंटित किए गए हैं।

विपक्षी दलों का कहना है कि इस घोटाले की राशि 3000-4000 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता ने सीएम की पत्नी पार्वती सहित कई राजनेताओं की कथित संलिप्तता का दावा किया है। इसके बाद, राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय अधिकारियों की समिति नियुक्त की हैं।

हाल ही में सिद्धारमैया ने MUDA द्वारा 62 करोड़ रुपये का मुआवजा देने पर आवंटित प्लॉट वापस करने की पेशकश की थी। अब सरकार ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज पीएन देसाई के नेतृत्व में भी एक जांच आयोग गठित किया हैं।

 

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