Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर नया खुलासा, बेटे ने जताई थी हत्या की आशंका, सामने आई जांच रिपोर्ट

Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर नया खुलासा, बेटे ने जताई थी हत्या की आशंका, सामने आई जांच रिपोर्ट
Last Updated: 16 सितंबर 2024

मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में अब मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट ने सच्चाई को उजागर कर दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अंसारी की मृत्यु जहर के सेवन से नहीं, बल्कि हार्ट अटैक के कारण हुई थी। उनके परिवार ने आरोप लगाया था कि उन्हें खाना खाने में जहर मिलाकर दिया गया था, लेकिन बैरक में मिले गुड़, चना और नमक में किसी भी प्रकार का जहर नहीं पाया गया है। जिलाधिकारी ने इस जांच रिपोर्ट को शासन को भेज दिया है।

Banda: मजिस्ट्रियल जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि माफिया मुख्तार अंसारी की मृत्यु जहर से नहीं, बल्कि दिल का दौरा हार्ट अटैक (Heart Attack) आने से हुई थी। उनके स्वजन ने इस बात का आरोप लगाया था कि खाने में जहर मिलाकर उनकी हत्या की गई। हालांकि, बैरक में मिले गुड़, चना और नमक में किसी प्रकार का जहर नहीं पाया गया है।

जिला मजिस्ट्रेट (ADM) ने जांच रिपोर्ट को शासन को भेज दिया है। मंडल कारागार की एकांत बैरक में बंद माफिया मुख्तार अंसारी 28 मार्च की शाम को अचानक चक्कर खाकर गिर पड़े थे। उन्हें रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई। उनके बेटे उमर अंसारी ने जेल प्रशासन पर यह आरोप लगाया था कि उन्हें जहर देकर मार दिया गया।

मुख्तार के बेटे ने जताई हत्या की आशंका

29 मार्च को एसजीपीजीआई लखनऊ से आए डॉ. सत्येंद्र कुमार तिवारी सहित पांच डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया था। इस पोस्टमार्टम में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई थी। पंचनामा में मुख्तार के बेटे उमर ने स्पष्ट रूप से लिखा था कि पिता की मृत्यु स्वाभाविक नहीं है। जब इस पर संदेह व्यक्त किया गया, तो न्यायिक और मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए गए थे।

सभी लोगों के बयान किए दर्ज

मजिस्ट्रियल जांच का कार्य एडीएम (ADM) वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार कर रहे थे। एडीएम ने 10 दिन पहले अपनी रिपोर्ट डीएम नगेंद्र प्रताप को सौंपी, जिसमें बताया गया कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ की रिपोर्ट में भी बैरक में मिले सामान में कोई जहर नहीं पाया गया है। जांच के दौरान मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों, मुख्तार की बैरक के सुरक्षा कर्मियों, उपचार और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों, जेल अधिकारियों सहित लगभग 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए गए।

मुख्तार को दी गई सभी दवाओं की हुई जांच

घटना से 90 दिन पहले तक के सीसीटीवी (CCTV) फुटेज की भी जांच की गई। उस बेड का भी निरीक्षण किया गया, जहां माफिया का शव अस्पताल में था। इलाज के दौरान मुख्तार को दी गई सभी दवाओं की जांच की गई है। एडीएम ने बताया कि जिन लोगों ने जहर देने का शक जताया था, उन्हें बयान देने के लिए बुलाया गया, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। इस कारण जांच रिपोर्ट तैयार होने में पांच महीने से अधिक का समय लग गया।

 

 

 

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