माफिया से बाहुबली नेता बने मुख़्तार अंसारी की बांदा जेल में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। तबियत खराब होने पर उन्हें दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
Gangster Mukhtar Ansari News: बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार (28 मार्च) रात मौत हो गई। जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। माफिया मुख्तार के परिवार के बारे में जानकर लोगों को अभी भी यकीन नहीं होता कि मुख़्तार जैसा गैंगस्टर क्या वाकई एक प्रतिष्ठित और सम्मानित परिवार से ताल्लुक रखता था।
कौन था माफिया मुख़्तार
subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में सन 1963 में हुआ था। मुख़्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था। गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की बताई गई है। 17-18 सालों से जेल में बंद मुख़्तार अंसारी के दादाजी डॉ. मुख़्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे। जिन्होनें गांधी जी के साथ काम किया था और वे 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। मुख़्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाज़ा गया था। मुख्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर में अपनी साफ सुधरी छवि के साथ राजनीति में सक्रिय भागीदारी निभाई। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मुख़्तार अबसरी के रिश्ते में चाचा लगते थे।
मुख़्तार को रोपड़ जेल से यूपी लाया गया था
सूत्रों के मुताबिक, एक मामले पर सुनवाई के लिए मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश की बांदा जेल से पंजाब की रोपड़ जेल में रेफर किया गया था। उनको लंबे समय तक वहीं रखा गया था। बताया जा रहा है कि यूपी में योगी आदित्यनाथ की बीजेपी सरकार आने के बाद मुख्तार यूपी में वापस नहीं लौटना चाहता था। उसे उत्तर प्रदेश लाने के बाद दोनों सरकारों के बीच मदभेद भी हुआ था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था। 2021 में कोर्ट के फैसले के बाद मुख्तार अंसारी को भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच बांदा जेल पहुंचाया गया था।
मुख्तार के परिवार का गौरवशाली इतिहास
मुख्तार अंसारी भले ही एक गैंगेस्टर के रुप में जाने जाते हैं लेकिन गाजीपुर में उनके परिवार की पहचान राजनीतिक परिवार की रही है। जानकारी के अनुसार, शुरू से ही अंसारी के खानदान का गौरवशाली इतिहास रहा। बाहुबली मुख़्तार अंसारी के दादा मुख्तार अहमद अंसारी वर्ष 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और वे महात्मा गांधी के करीबी माने जाते थे। मुख्तार के नाना भी नामचीन हस्तियों में माने जाते थे। महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर उस्मान मुख्तार के नाना थे, जो 1947 की लड़ाई में शहीद हो गए थे।
बसपा से लड़ा था पहली बार चुनाव
बताया गया कि उन्होंने 1996 में बहुजन समाज पार्टी से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद 2002, 2007, 2012 और 2017 में मऊ से जीते थे। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से आखिरी तीन चुनाव उन्होंने जेल में बंद रहते हुए लड़े और जीते थे।