SC ने धारावी पुनर्विकास परियोजना पर रोक लगाने से इनकार किया। यूएई की सेकलिंक टेक्नोलॉजीज की अपील खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, परियोजना का काम पहले ही शुरू हो चुका है।
Mumbai: सुप्रीम कोर्ट ने धारावी पुनर्विकास परियोजना के निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को भी बरकरार रखा, जिसमें अदाणी ग्रुप के पक्ष में निर्णय दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि परियोजना पहले ही शुरू हो चुकी है और इसे रोकने का कोई आधार नहीं है।
सेकलिंक टेक्नोलॉजीज की अपील खारिज
यूएई स्थित सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन ने महाराष्ट्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने सेकलिंक की पिछली बोली को रद्द कर धारावी परियोजना का ठेका अदाणी प्रॉपर्टीज लिमिटेड को सौंप दिया था। इस फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने सेकलिंक की याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया।
अदालत ने दी महत्वपूर्ण हिदायतें
सुप्रीम कोर्ट ने परियोजना से संबंधित सभी भुगतान एक ही एस्क्रो खाते से करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि रेलवे लाइन के पुनर्विकास को भी इस परियोजना में शामिल किया जाएगा, इसलिए इसे रोकना उचित नहीं होगा।
अदाणी ग्रुप की दलील
अदाणी ग्रुप की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत में तर्क दिया कि परियोजना पर पहले ही करोड़ों रुपये का निवेश हो चुका है। उन्होंने कहा कि 2,000 से अधिक लोग इस परियोजना में काम कर रहे हैं और अब इसे रोकने से अपूर्णीय क्षति होगी।
अगली सुनवाई 25 मई को
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और अदाणी प्रॉपर्टीज को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 मई को होगी।