Mumbai News: BMC क्षेत्र में दर्दनाक हादसा, पानी की टंकी में दम घुटने से 4 मजदूरों की मौत

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मुंबई के नागपाड़ा में पानी की टंकी साफ करते समय दम घुटने से 5 मजदूरों की मौत। सुरक्षा उपकरणों की कमी की आशंका, प्रशासन ने जांच के आदेश दिए।

Mumbai News: मुंबई के नागपाड़ा इलाके में रविवार दोपहर एक बड़ा हादसा हो गया, जब अंडरग्राउंड पानी की टंकी की सफाई के दौरान दम घुटने से पांच मजदूरों की मौत हो गई। यह घटना नागपाड़ा स्थित बिस्मिल्लाह स्पेस बिल्डिंग में हुई, जहां मजदूर सफाई कार्य कर रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, मुंबई फायर ब्रिगेड (MFB) और पुलिस मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया।

बचाव कार्य के बावजूद नहीं बच सकी जानें

बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के मुताबिक, सफाई के दौरान टैंक में जहरीली गैस के कारण मजदूरों की हालत बिगड़ गई। फायर ब्रिगेड की टीम ने सभी मजदूरों को बाहर निकाला और तत्काल जेजे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि मजदूरों के पास पर्याप्त सुरक्षा उपकरण थे या नहीं।

बिना सुरक्षा उपकरण के काम कर रहे थे मजदूर?

शुरुआती जांच में सामने आया है कि सभी मजदूर निजी ठेकेदार के अधीन काम कर रहे थे और सफाई के दौरान जरूरी सुरक्षा उपकरणों की कमी हो सकती है। अक्सर पानी की टंकी और सीवर की सफाई के दौरान दम घुटने के कारण मजदूरों की जान चली जाती है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। इस हादसे ने एक बार फिर से मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे

मुंबई में यह पहली बार नहीं है जब सफाई के दौरान मजदूरों की मौत हुई हो। बीते वर्षों में कई बार टंकी और सीवर की सफाई के दौरान दम घुटने से मजदूरों की जान गई है। हर बार प्रशासन जांच की बात करता है, लेकिन मजदूरों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए जाते। इस हादसे के बाद एक बार फिर से यह बहस छिड़ गई है कि क्या मजदूरों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त नियमों का पालन किया जा रहा है?

प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

घटना के बाद जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मृतकों के परिवारवालों को मुआवजा देने की भी बात कही जा रही है। हालांकि, मजदूर संगठनों का कहना है कि प्रशासन को केवल मुआवजा देने के बजाय मजदूरों की सुरक्षा के लिए ठोस नियम बनाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

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