Muzaffarpur Helicopter Crash: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बड़ा हादसा, सामग्री गिराते समय हेलीकॉप्टर हुआ क्रैश, करवाई गई आपात लैंडिंग

Muzaffarpur Helicopter Crash: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बड़ा हादसा, सामग्री गिराते समय हेलीकॉप्टर हुआ क्रैश, करवाई गई आपात लैंडिंग
Last Updated: 9 घंटा पहले

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ राहत सामग्री गिराते समय हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग की जांच भारतीय वायु सेना द्वारा शुरू कर दी गई है। जांच टीम ने हेलीकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स को भी सुरक्षित कर लिया है, जिससे तकनीकी खराबियों की पहचान की जा सके। यह स्पष्ट किया गया है कि पायलट सहित चारों जवान सुरक्षित हैं।

Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड की भरथुआ पंचायत के मधुबन बेशी चौर में बुधवार को बाढ़ राहत सामग्री गिराने के दौरान हेलीकॉप्टर की पानी में आपात लैंडिंग के मामले में दरभंगा एयरफोर्स स्टेशन के अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है।

ग्रुप कमांडर रवीश राकेश ने बताया कि किन तकनीकी खराबियों के कारण हेलीकॉप्टर को आपात लैंडिंग करानी पड़ी, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। इस मामले की जांच जारी है और हेलीकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स को सुरक्षित कर लिया गया है।

किन जिलों में चलाया जा रहा बाढ़ राहत कार्य

ग्रुप कमांडर ने बताया कि हेलीकॉप्टर की सुरक्षा के लिए उनके अधिकारी और जवान मौके पर मौजूद हैं। अब पानी के स्तर में कमी का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद हेलीकॉप्टर को सुरक्षित तरीके से निकालने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आपात लैंडिंग करने वाला हेलीकॉप्टर एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव है। इसी दौरान, डीएम राजीव रौशन ने बताया कि दरभंगा एयरफोर्स स्टेशन से दरभंगा और सीतामढ़ी जिले में बाढ़ राहत कार्य संचालित किया जा रहा है।

तकनीकी खामी से करवाई आपात लैंडिंग

इस दौरान सीतामढ़ी के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे हेलीकॉप्टर के इंजन में तकनीकी खामी आने के कारण पानी में आपात लैंडिंग कराई गई। इसमें पायलट समेत चारों जवान सुरक्षित हैं। जांच में यह बात सामने आई है कि किसी को गंभीर चोट नहीं आई है। श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) से गोरखपुर एयरबेस भेजे गए जवान भी अब वापस लौट चुके हैं। ब्लैक बॉक्स क्या है: विमान या हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह उड़ान की गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है।

क्या हैं फ्लाइट डाटा रिकार्डर?

इसलिए इसे फ्लाइट डाटा रिकार्डर कहा जाता है। यह विमान के पिछले हिस्से में स्थापित होता है। यह विमान की इंजन की आवाज, इमरजेंसी अलार्म की ध्वनि, केबिन का तापमान, कॉकपिट की स्थिति, दिशा, ऊंचाई, ईंधन का स्तर, गति आदि कुल 88 प्रकार के डेटा को रिकॉर्ड करता है।

यह काफी ऊंचाई से जमीन पर या समुद्री जल में गिरने पर भी बहुत कम क्षति झेलता है। यह बिना बिजली के 30 दिनों तक कार्यशील रहता है। दुर्घटना के बाद, यह 30 दिनों तक विशेष ध्वनि और तरंगें उत्पन्न करता है, जिससे इसे खोजने में सहायता मिलती है।

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