अखिलेश यादव ने बुधवार को समुदाय आधारित आरक्षण के समर्थन में आयोजित एक दिवसीय (21 August) भारत बंद का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि 'जन आंदोलनों' के जरिए 'बेलगाम सरकार' को नियंत्रित किया जा सकता है।
New Delhi: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को समुदाय आधारित आरक्षण के लिए आयोजित एक दिवसीय भारत बंद का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि 'जन आंदोलनों' के माध्यम से 'बेलगाम सरकार' पर नियंत्रण पाया जा सकता है। एक्स पर किए गए अपने पोस्ट में अखिलेश ने उल्लेख किया कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने पहले ही चेतावनी दी थी कि संविधान तभी प्रभावी रहेगा जब इसे लागू करने वालों की नीयत सही होगी।
क्या बोले अखिलेश यादव?
अखिलेश यादव ने लिखा, "आरक्षण की सुरक्षा के लिए जन आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। यह शोषितों और वंचितों में नई जागरूकता पैदा करेगा और आरक्षण के महत्व को उजागर करेगा। उन्होंने आगे कहा, "बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने पहले ही चेतावनी दी थी कि संविधान तभी प्रभावी होगा जब इसे लागू करने वाली सरकार की नीयत सही हो। जब सत्ता में बैठी सरकारें धोखाधड़ी, घोटाले और अनियमितताओं के माध्यम से संविधान और उसके द्वारा दिए गए अधिकारों के साथ छेड़छाड़ करेंगी, तो जनता को सड़कों पर उतरना होगा। जन आंदोलनों से बेलगाम सरकार पर नियंत्रण पाया जा सकता है।" यह किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जनशक्ति का कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन एक लोकतांत्रिक अधिकार है
भारत बंद का किया ऐलान
SC-ST आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक अगस्त के निर्णय के खिलाफ देशभर के 21 संगठनों ने बुधवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है। इन संगठनों ने इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को गंभीर नुकसान पहुंचेगा। दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर मौजूद समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर 21 अगस्त को 'भारत बंद' का आयोजन किया है।
राजनितिक दाल लेंगे हिस्सा
मिली जानकारी के अनुसार, (NACDAOR) नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशंस ने अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए न्याय और समानता की मांगों को लेकर एक लिस्ट जारी की है। इस दौरान उठे आंदोलन में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सहित कई राजनीतिक दल भी भाग ले रहे हैं।