नोएडा प्राधिकरण की आज दूसरी बैठक होने जा रही है। इस बैठक में 26 प्रस्तावों को बोर्ड की स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इनमें कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव शामिल हैं, जिनके मंजूर होने पर किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है। इसके साथ ही, बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई पर भी निर्णय लिया जा सकता है। आइए जानते हैं कि यीडा की बैठक में किन-किन प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी।
Noida Authority News: चालू वित्तीय वर्ष में यमुना प्राधिकरण की दूसरी बोर्ड बैठक गुरुवार को आयोजित की जाएगी। यह बैठक चेयरमैन अनिल सागर की अध्यक्षता में होगी जिसमें 26 प्रस्ताव बोर्ड की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे। प्राधिकरण के पहले खंड में बोर्ड को राजस्व प्राप्ति और व्यय की जानकारी प्रदान की जाएगी, साथ ही 10,000 करोड़ रुपये के ऋण को भी जानकारी के लिए पेश किया जाएगा।
नोएडा में कन्वेंशन सेंटर बनाने की तैयारी ,बोर्ड की मंजूरी की दिशा में कदम
एयरपोर्ट के निकट कन्वेंशन सेंटर के निर्माण के लिए बोर्ड से मंजूरी प्राप्त की जाएगी। एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव में, नेशनल कंपनी फॉर सिक्योरिटी रियल्टी ने घर खरीदारों के लिए परियोजना को पूरा करने के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश को स्वीकार किया है। इसके अतिरिक्त, यमुना एक्सप्रेसवे के प्रभावित 10,000 किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे की पहली किस्त वितरित करने का भी आदेश दिया गया है।
बिल्डरों पर सख्त कार्रवाई की संभावना
अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को गाजियाबाद से जोड़ने के लिए न्यू इंडिया रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण में प्राधिकरण की भागीदारी तय करने का प्रस्ताव भी शामिल है। मथुरा के राया में हेरिटेज सिटी परियोजना की संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के निर्माण के लिए बोर्ड को अतिरिक्त समय दिए जाने के साथ-साथ, अमिताभ कांत उन बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय भी ले सकते हैं जिन्होंने समिति की सिफारिशों का लाभ उठाने के लिए आवेदन नहीं किया था।
नोएडा एयरपोर्ट के लिए नई भूखंड नीति का प्रस्ताव
नोएडा हवाई अड्डे के कार्गो टर्मिनल को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने तीस मीटर चौड़ी सड़क बनाने की योजना बनाई है। इसके साथ ही, औद्योगिक और संस्थागत भूखंडों के आवंटन के लिए एक नई नीति को भी मंजूरी देने का प्रस्ताव रखा गया है।
इस नई नीति के तहत, दस हजार वर्ग मीटर तक के औद्योगिक भूखंडों का आवंटन नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, जबकि बड़े भूखंडों का आवंटन साक्षात्कार के आधार पर होगा। यह कदम औद्योगिक भूखंड योजना को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।