Pacs Election: बिहार में पैक्स चुनाव! अभ्यर्थियों के लिए तय की गई खर्च सीमा, 3 लाख से अधिक मतदाता करेंगे वोट

Pacs Election: बिहार में पैक्स चुनाव! अभ्यर्थियों के लिए तय की गई खर्च सीमा, 3 लाख से अधिक मतदाता करेंगे वोट
Last Updated: 2 दिन पहले

बिहार में पैक्स चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले चरण में आरा संदेश और कोईलवर प्रखंड में मतदान होगा। चुनाव में 3 लाख 67 हजार 357 मतदाता भाग लेंगे। अभ्यर्थियों के लिए खर्च की सीमा तय की गई है।

Pacs Election In Bihar: बिहार में एक ओर जहां चार सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, वहीं पैक्स चुनाव की चर्चा भी तेज हो गई है। प्रत्याशी चुनावी दौड़ में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) चुनाव का पहला चरण मंगलवार से शुरू हो गया है, जिसमें आरा, संदेश और कोईलवर प्रखंड शामिल हैं। कुल पांच चरणों में चुनाव संपन्न होंगे, और तीन लाख 67 हजार 357 मतदाता अपने मत का उपयोग करेंगे। पैक्स के अभ्यर्थियों के लिए चुनाव खर्च की सीमा भी निर्धारित की गई है।

पैक्स चुनाव में 20 नवंबर को मतदान

बिहार में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनाव के पहले चरण में 11 से 13 नवंबर तक नामांकन प्रक्रिया होगी, और 20 नवंबर को मतदान होगा।

पैक्स चुनाव का खर्च सिमा तय

जिला सहकारिता पदाधिकारी लवली के अनुसार, पैक्स चुनाव में अध्यक्ष पद के अभ्यर्थियों के लिए 20,000 रुपये तक खर्च की सीमा तय की गई है। सदस्य पद के अभ्यर्थियों को 10,000 रुपये से अधिक खर्च नहीं करना होगा। चुनाव खर्च पर नजर रखने के लिए एक सिस्टम विकसित किया गया है और अभ्यर्थियों को खर्च का हिसाब देना होगा।

चुनाव के पांच चरण

पैक्स चुनाव कुल पांच चरणों में होंगे, जिसमें तीन लाख 67 हजार 357 मतदाता अपने मत का उपयोग करेंगे। पहले चरण में 43 पैक्स, दूसरे चरण में 49, तीसरे चरण में 37, चौथे में 38 और पांचवे चरण में 41 पैक्सों में चुनाव होगा। पहले चरण के चुनाव में आरा, संदेश और कोईलवर प्रखंड शामिल हैं, जबकि अंतिम चरण में तरारी और उदवंतनगर प्रखंड का चुनाव होगा।

नाम वापसी और प्रतीक चिन्ह आवंटन की प्रक्रिया

पहले चरण में नाम वापसी और प्रतीक चिन्ह का आवंटन 19 नवंबर को होगा। पहले चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा और उसी दिन मतगणना भी की जाएगी।

गांवों में चुनावी माहौल और दावतों का दौर

पैक्स चुनाव को लेकर गांवों का माहौल बदल चुका है। चुनावी खर्च की सीमा तय होने के बावजूद, कई अभ्यर्थी दावतों का आयोजन कर रहे हैं। लिट्टी मुर्गा और 'पानी' का शरूर गांवों में सर चढ़कर बोल रहा है। 15 नवंबर के बाद दावतों का दौर और तेज होने की उम्मीद है, क्योंकि कार्तिक माह के बाद मांसाहार पार्टी भी शुरू हो जाएगी।

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