पंजाब: कुम्हारों का जीवन संवारेगी "घड़ा क्लस्टर योजना", मोगा में स्थापित होगा उधोग केंद्र

पंजाब: कुम्हारों का जीवन संवारेगी
Last Updated: 13 फरवरी 2024

पंजाब: कुम्हारों का जीवन संवारेगी "घड़ा क्लस्टर योजना", मोगा में स्थापित होगा उधोग केंद्र

मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों का जीवन "घड़ा कलस्टर योजना" (Ghada Cluster Scheme) से संवरने वाला है. इस योजना के तहत अत्याधुनिक तकनीक से बनने वाले मिट्टी के बर्तन ना सिर्फ देश में बिकेंगे बल्कि दुनिया में भी इनका निर्यात होगा। बताया है कि दो साल से मोगा जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से कुम्हारों को नई तकनीक से मिट्टी के बर्तन, खिलौने इत्यादि बनाने के लिए जागरूक और प्रशिक्षित किया जा रहा हैं।

Subkuz.com के अनुसार भारत सरकार दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीब कारीगरों के जीवन स्तर में सुधार लाने और उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए  "घड़ा कलस्टर योजना" पर काम कर रही है. बताया है कि इस योजना के द्वारा मिट्टी के बर्तन मशीन से तैयार किए जाएंगे। मशीनों के द्वारा मिट्टी के डिजायनर बर्तन काम समय में तथा अधिक गुणवत्ता के साथ तैयार होंगे।

 प्रशिक्षण के लिए 80 लोगों का हुआ चयन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी का "अमृत महोत्सव योजना" के साथ "घड़ा कलस्टर योजना" की भी घोषणा की है. सरकार के द्वारा कुम्हारों को प्रशिक्षण देने के लिए अत्याधुनिक मशीन को जिला उद्योग केन्द्र में स्थापित किया है. योजना में प्रशिक्षण के लिए पहले चरण में 80 लोगों का चयन किया गया तथा पिछले  छह महीने से इन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं।

Subkuz.com ने बताया कि कारीगरों को सरकारी योजनाओं के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि लोग प्रशिक्षण के पश्चात आर्थिक सहायता प्राप्त कर अत्याधुनिक मशीन के साथ अपना काम शुरू कर सकें। सरकार की तरफ से परंपरागत उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए लाभार्थियों को 80 प्रतिशत तक अनुदान (सब्सिडी) पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही हैं।

उद्योग के लिए 90 प्रतिशत राशि देगी केंद सरकार

जानकारी के अनुसार कम से कम 100 व्यक्तियों तथा अधिकतम 500 व्यक्तियों का एक समूह (Cluster) 2.5 करोड़ रूपये की गारंटी का लाभ ले सकता है. समूह में शामिल होने वाले कारीगरों को कुल लागत का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा देना होगा। तथा 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार सहायता के रूप में देगी। सभी समूह को सोसायटी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।   

"घड़ा कलस्टर योजना" के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रही मोगा की रहने वाली रजनी देवी ने पत्रकारों को बताया इस योजना के तहत मिट्टी से ऐसी पानी की टंकियां तैयार की जाएगी, जो मौसम के अनुसार पानी के तापमान को नियंत्रित कर सकेगी। मशीन द्वारा मिट्टी के बर्तन, डिजायनर खिलौने, कूलर के अंदर पानी को ठंडा रखने के लिए मिट्टी का स्टैंड जैसे कई उत्पाद तैयार किए जाएंगे।

कलस्टर विकास कार्यक्रम (सीडीपी) के तहत रजनी देवी ने बताया कि "घड़ा कलस्टर योजना" पर्यावरण के अनुकूल है. अत्याधुनिक मशीनों से तैयार होने के कारण मिट्टी के बर्तन, डिजायनर आकर्षक भी होंगे। बताया की पहले जिस बर्तन के 20 रूपये मिलते थे अब उसके 40 रूपये मिल रहे हैं।

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