PM Modi Visit Singapore: पीएम नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता, सिंगापुर में हुए सेमीकंडक्टर समेत 4 बड़े समझौते

PM Modi Visit Singapore: पीएम नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता, सिंगापुर में हुए सेमीकंडक्टर समेत 4 बड़े समझौते
Last Updated: 06 सितंबर 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर यात्रा भारत के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम साबित हुई है। इस यात्रा के दौरान भारत और सिंगापुर के बीच कई प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण समझौता भी शामिल है। सेमीकंडक्टर उद्योग में यह साझेदारी भारत की तकनीकी क्षमता को और मजबूत करेगी, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो उनके द्विपक्षीय संबंधों को "व्यापक रणनीतिक साझेदारी" के स्तर तक ले गए हैं। ये समझौते भारत और सिंगापुर के बीच संबंधों को और मजबूत करेंगे, जिससे दोनों देशों के आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा। इस वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन समझौतों में सेमीकंडक्टर सहयोग एक महत्वपूर्ण बिंदु है, जो तकनीकी आत्मनिर्भरता और उन्नत विनिर्माण को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवा, कौशल विकास, और डिजिटलीकरण के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी हैं।

यह साझेदारी भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति को भी बल देगी, जो भारत की पूर्वी एशियाई देशों के साथ बढ़ती भागीदारी का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर सिंगापुर को केवल एक महत्वपूर्ण साझेदार, बल्कि सभी विकासशील देशों के लिए प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौते दोनों देशों के लिए लाभदायक साबित होंगे और इनकी मदद से दोनों देश वैश्विक स्तर पर अपनी आर्थिक और तकनीकी स्थिति को और मजबूत कर पाएंगे।

 चार बड़े क्षेत्रों में हुए समझौते

* रक्षा और सुरक्षा: दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को बढ़ाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने पर सहमति जताई हैं।

* वाणिज्य और व्यापार: व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग को और गहरा करने के उपायों पर काम किया हैं।

* तकनीकी सहयोग: सेमीकंडक्टर के अलावा अन्य उभरती हुई प्रौद्योगिकियों जैसे एआई, साइबर सुरक्षा, और डिजिटल इनोवेशन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया हैं।

* पर्यावरण और ऊर्जा: स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया हैं।

दोनों देशो के बीच व्यापार और निवेश को मिलेगा बढ़ावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को और सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया। बातचीत के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि सिंगापुर भारत के लिए एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है, जिसका प्रमाण भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 160 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के तेज और सतत विकास की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह सिंगापुर की संस्थाओं के लिए निवेश के नए अवसर प्रदान करता हैं।

मोदी जी ने सुरक्षा, समुद्री क्षेत्र में जागरूकता, शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), फिनटेक, नई प्रौद्योगिकी, विज्ञान और ज्ञान साझेदारी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मौजूदा सहयोग की समीक्षा की। बता दें दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश प्रवाह को और बढ़ाने के लिए संपर्क सुविधा को मजबूत करने का भी आह्वान किया। यह कदम भारत और सिंगापुर के बीच आर्थिक सहयोग को गहरा करने के साथ-साथ लोगों के बीच आपसी संबंधों को और प्रगाढ़ करेगा।

सिंगापुर में खुलेगा तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य की दिशा पर महत्वपूर्ण चर्चा की। विशेष रूप से सेमीकंडक्टर और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया, जो दोनों देशों के बीच एक नया अध्याय खोलने और संबंधों को भविष्योन्मुखी बनाने में सहायक होगा। साझेदारी के इस नए अध्याय में विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जो भविष्य की प्रौद्योगिकियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

दोनों नेताओं ने 2025 में द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के उत्सव की योजना पर भी चर्चा की। इस अवसर पर सांस्कृतिक संबंधों को भी महत्वपूर्ण बताया गया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि भारत का पहला तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र सिंगापुर में खोला जाएगा। इसके अलावा, नेताओं ने भारत-आसियान संबंधों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत के दृष्टिकोण पर भी विचार किया। इस बातचीत में आपसी हित के महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग और समन्वय को और सुदृढ़ किया जा सके।

दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर पर हुई बड़ी डील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने सेमीकंडक्टर, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, और स्वास्थ्य सेवा में सहयोग के लिए महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते दोनों देशों के बीच मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के दो दौर की चर्चाओं के परिणामस्वरूप हुए हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने वोंग को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे वोंग ने स्वीकार कर लिया। मोदी ने सिंगापुर के प्रगति के लिए वोंग को बधाई दी और कहा कि उनकी नेतृत्व में सिंगापुर तेजी से प्रगति करेगा। मोदी ने कहा, ‘‘हम भारत में भी कई सिंगापुर बनाना चाहते हैं और मुझे खुशी है कि हम इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने दोनों देशों के बीच कौशल विकास, डिजिटलीकरण, गतिशीलता, उन्नत विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, कृत्रिम मेधा (एआई), स्वास्थ्य सेवा, स्थिरता, और साइबर सुरक्षा में साझेदारी की पहचान की। मोदी नेएक्स पर लिखा, ‘‘हमारी बातचीत कौशल, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, एआई और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित रही। हम दोनों ने व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति जताई।" इस प्रकार भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग के नए दौर की शुरुआत हो रही है, जो दोनों देशों के आर्थिक और प्रौद्योगिकीय संबंधों को और भी मजबूत बनाएगा।

 

 

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