देशभर में एक करोड़ से ज्यादा घरों को रोशन करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने 'प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना' शुरू की थी। इस योजना का लाभ घर-घर तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग को जिम्मेदारी (Responsibility) दी गई है। डाक विभाग अपने फील्ड स्टाफ (ग्राउंड कर्मचारी) टीम के माध्यम से घर-घर जाकर सर्वे करेगा और लोगों को इस योजना का मुनाफा के बारे में बताकर मोबाइल एप्लिकेशन पर उनका पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) करेगा।
पटियाला: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य है कि देशभर में एक करोड़ से अधिक घरों को रोशन करने के लिए 'प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना' का लाभ मिले। इस योजना को शुरू करने के बाद इसके बारे में घर-घर जाकर सूचना देने के लिए डाक विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। Subkuz.com की जानकारी के अनुसार एक किलोवाट का सोलर पैनल लगाने में करीब 80-85 हजार रुपये का खर्च होते है। इस योजना सोलर पैनल लगवाने के लिए 30 हजार रुपये की सब्सिडी दी जा रही हैं।
ग्रामीण डाक सेवक और अन्य कर्मचारी ने बताया कि इस योजना के बारे में घर-घर जाकर पूरी जानकारी पोस्टमैन देंगे। इस योजना से लोगों को घरों में गर्मियों के दौरान बिजली कटौती और आने वाले अधिक रूपये के बिजली के बिल से छुटकारा भी मिलेगा। अधिकारी ने बताया कि सोलर पैनल लगने के बाद दिन में बिजली की सप्लाई डायरेक्ट सोलर पैनल से और रात के समय बैटरी में स्टोर की गई बिजली का इस्तेमाल किया जाएगा।
सोलर पैनल के लिए मिलने वाली सब्सिडी
* इस योजना में 0-150 यूनिट की औसत मासिक बिजली आपूर्ति के लिए सोलर प्लांट की क्षमता 1 से 2 किलोवाट है और इस पर 30,000 से 60,000 रुपये सब्सिडी मिलेगी।
* योजना में 150-300 यूनिट की औसत मासिक बिजली खपत के लिए सोलर प्लांट की क्षमता 2-3 किलोवाट है और इस पर 60,000 से 78,000 रुपये सब्सिडी मिलेगी।
* इस योजना में तीन किलोवाट से बड़े सिस्टम के लिए सोलर पैनल लगाने के लिए कुल सब्सिडी 78,000 रुपये मिलेगी।
सोलर पैनल लगाने के लाभ
* सोलर पैनल लगाने के लिए अलग से जमीन की जरूरत नहीं है, ऐसे घरों की छत पर ही स्थापित किया जा सकता हैं।
* एक बार लगाने के बाद रूफ टाप सिस्टम औसतन 25 साल तक काम में लिया जा सकता हैं।
* इस सोलर पैनल एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर आसानी से स्थापित (दोबारा लगाया) किया जा सकता हैं।