High Court ने शिरोमणि अकाली दल की वरिष्ठ नेत्री बीबी जागीर कौर को जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में आरोपी करार देते हुए FIR दर्ज करने के आदेश जारी किये हैं।
Punjab Politics: पंजाब स्थित नगर पंचायत बेगोवाल की 172 कनाल और 15 मरला भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मामले में बीबी जागीर कौर को बड़ा झटका देते हुए पंजाब-हरियाणा High Court ने विजिलेंस ब्यूरो को उनके खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में उक्त अवैध क़ाबूजों की इजाजत देने वाले अधिकारियों पर आपराधिक व विभागीय स्तर पर कार्रवाई कर छह माह में रिपोर्ट सौंपने के लिए विजिलेंस ब्यूरो को आदेश जारी किया है।
कांग्रेस नेता ने दी जानकारी
subkuz.com के मुताबिक, पंजाब के कांग्रेसी नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने ट्विटर पर इस मामले के बारे में जानकारी सांझा की है। कहा कि माननीय पंजाब-हरियाणा High Court ने बीबी जागीर कौर को N.A.C. बेगोवाल की 172 कनाल जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने के लिए आरोपी करार दिया गया है। High Court ने इसके साथ ही E.O.N.A.C बेगोवाल को कब्जे में की गई जमीन के किराए के रूप में 5 करोड़ 91 लाख की वसूली करने और उक्त 172 कनाल जमीन को वापिस लौटने के लिए कार्रवाई करने के लिए निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो को प्राथमिक जांच का आदेश दिया था।
क्या था मामला?
कोर्ट में दायर याचिका में बीबी जागीर कौर पर वर्ष 1996 से 2014 तक बेगोवाल की 172 कनाल जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाया था। इस आरोप में कहा गया कि इस जमीन पर एक हाई स्कूल का निर्माण किया गया था और निर्माण के दौरान ही N.A.C डिपार्टमेंट को नोटिस भी जारी किया था, लेकिन उस जमीन से निर्माण रोकने के बजाय इस स्कूल को एक इंटरनेशनल स्कूल के रूप में चलाना शुरू कर दिया, जबकि बताया गया कि इस स्कूल को कहीं से भी मान्यता प्राप्त नहीं है।
एक मुद्दा यह भी था कि इस स्कूल 95 % सहायता सरकार से मिलती है। बता दें कि कोई भी सहायता प्राप्त स्कूल में इंटरनेशनल स्कूल नहीं चलाया जा सकता। इसके खिलाफ स्कूली शिक्षा के डायरेक्टर जनरल को नोटिस भेजा गया था। साथ ही इससे पहले यह मामला विधानसभा में भी पेश किया गया था।
कोर्ट ने दिया आदेश
subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए अब विजिलेंस ब्यूरो को इस मामले में FIR दर्ज करने को कहा है। साथ ही इस मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक व विभागीय कार्रवाई कर 6 माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।