अमृतसर में लोकसभा चुनाव से पहले अकाली दल को एक बड़ा झटका लगा है। तलबीर गिल ने अपने साथियों के साथ अकाली दल का साथ छोड़कर AAP (आम आदमी पार्टी) दामन थाम लिया हैं।
अमृतसर: लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी मजबूती मिली है। वहीं दूसरी और अकाली दल को बड़ा झटका लगा है। शिरोमणि अकाली दल बादल के अमृतसर दक्षिण से हलका प्रभारी तलबीर गिल ने शुक्रवार (4 मई) ने अपने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. तलबीर गिल ने अमृतसर में काफी ज्यादा लोकप्रिय नेता की छबी बना रखी हैं। अमृतसर और आसपास के क्षेत्र के लोगों में उनकी अच्छी-कासी पकड़ है। वह अकाली दल बादल के टिकट पर 2022 में अमृतसर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर अपना भाग्य आजमा चुके हैं।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी पंजाब के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान ने तलबीर गिल और उनके साथियों को गले में दुपट्टा पहनकर पार्टी में औपचारिक तौर पर शामिल किया और उन सभी का आम आदमी पार्टी के परिवार में तहदिल से स्वागत किया।
अमृतसर के लोकप्रिय नेता हैं तलबीर
सूत्रों ने Subkuz.com को बताया कि तलबीर गिल अमृतसर में काफी लोकप्रिय नेता के रूप में निखार के सामने आए हैं। अमृतसर और आसपास के क्षेत्र के लोगों में तलबीर अच्छी पकड़ है। वह अकाली दल बादल के टिकट पर 2022 में अमृतसर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर जनता से बहवाही भी लूट चुके हैं। बताया गया है कि उन्होंने अकाली दल की गलत नीतियों और परिवारवाद के कारण पार्टी को छोड़कर आमा आदमी पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया।
सीएम मान ने पार्टी में तलबीर का किया स्वागत
आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने मीडिया को बताया कि अकाली दाल के नेता तलबीर गिल के साथ उनके सहयोगी दिलबाग सिंह वडाली, यूथ अकाली दल के अमृतसर के अध्यक्ष सरब सिंह कुमार भुल्लर, सुखविंदर सिंह सुक्खी, रूस्तम सिंह कुमार संधू और जसबीर सिंह ने भी मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था।
पंजाब में अकाली दल साफ - सीएम मान
अकाली दल को छोड़कर आए सभी नेताओं को पार्टी में शामिल कराने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया के सामने कहां कि अकाली दल का पंजाब में लगभग नाम शेष रह गया है। बादल परिवार की परिवारवादी नीतियों और गलत व्यवहार के कारण अकाली दल के उपर से लेकर नीचे तक के नेता और कार्यकर्ता में काफी निराशा देखने को मिली हैं। कुछ समय बाद लगभग सभी नेता अकाली दल को छोड़ देंगे।
सीएम मान ने कहां कि अकाली दल की इस समय हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि इस लोकसभा चुनाव में उसके पास कुल 13 लोकसभा सीटों पर उतारने के लिए उम्मीदवार तक नहीं मिल रहे हैं। अकाली दल से चुनाव लड़ने के लिए कोई भी नेता तैयार नहीं हो रहा है क्योंकि उसे पता है कि हार के साथ बेइज्जती निश्चित है। मान ने कटाक्ष करते हुए कहां कि अकाली दल की ऐसी दुर्गति बादल परिवार की करतूतों और भ्रष्टाचार की नीति के कारण हुआ हैं।