Rahul Gandhi Nyay Yatra: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस, 23 अक्टूबर से राहुल गांधी की 'न्याय यात्रा', देखें पूरा शेड्यूल

Rahul Gandhi Nyay Yatra: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस, 23 अक्टूबर से राहुल गांधी की 'न्याय यात्रा', देखें पूरा शेड्यूल
Last Updated: 07 अक्टूबर 2024

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की "न्याय यात्रा" 23 अक्टूबर से दिल्ली में शुरू होगी, और यह यात्रा चार चरणों में आयोजित की जाएगी। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार, दिल्ली के उपराज्यपाल (LG), और केजरीवाल सरकार पर तीखे हमले करेगी।

Nyay Yatra: जम्मू कश्मीर और हरियाणा के बाद राहुल गांधी ने अब दिल्ली चुनाव की तैयारियों को भी तेज कर दिया है। 23 अक्टूबर से वह दिल्ली में कांग्रेस की न्याय यात्रा का शुभारंभ करेंगे। इस यात्रा में राहुल के साथ प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल होंगे। त्योहारों को ध्यान में रखते हुए यह यात्रा चार चरणों में आयोजित की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, न्याय यात्रा के दौरान पार्टी दिल्ली में बीजेपी के तीन बार से जीतने वाले सांसदों की असफलताओं को एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनाएगी।

कांग्रेस का दिल्ली सरकार पर तीखा हमला

कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर शीला दीक्षित सरकार के समय को याद दिलाते हुए मौजूदा केंद्र और दिल्ली सरकार पर तीखा हमला करने का निर्णय लिया है। इस दौरान मोदी सरकार, उपराज्यपाल (LG), और केजरीवाल सरकार के बीच के झगड़ों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। साथ ही, कांग्रेस आम आदमी पार्टी (AAP) पर शराब नीति, भ्रष्टाचार, और विकास विरोधी नीतियों को लेकर जोर-शोर से आरोप लगाएगी।

कांग्रेस की योजना के तहत, दिल्ली में आप सरकार को "जुनझुना सरकार" के रूप में पेश किया जाएगा, यह दर्शाते हुए कि उनकी नीतियां जनता को झूठे वादों से भरमाने का काम कर रही हैं। कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर दिल्ली में AAP के साथ किसी भी प्रकार का गठबंधन नहीं करेगी।

यात्रा चार चरणों में आयोजित की जाएगी

1. चरण - 23 से 28 अक्टूबर

2. चरण - 4 नवंबर से 10 नवंबर

3. चरण - 12 नवंबर से 18 नवंबर

4. चरण - 20 नवंबर से 28 नवंबर

दिल्ली में विधानसभा चुनाव

दिल्ली में अगले विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने हैं, जब वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होगा। हालांकि, चुनाव आयोग को यह अधिकार है कि वह आवश्यकता पड़ने पर चुनावों को जल्दी भी करवा सकता है।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल जब इस्तीफा दिया था, तब उन्होंने नवंबर में चुनाव कराने की मांग की थी। उनका सुझाव था कि दिल्ली में चुनाव महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों के साथ ही कराए जाएं।

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