राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रवासी राजस्थानियों के लिए बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि अब हर साल 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। यह दिन राजस्थान की संस्कृति, प्रवासी राजस्थानियों के योगदान और उनके संबंधों को मजबूत करने के लिए समर्पित होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने देश-विदेश से आए प्रवासी राजस्थानियों का हार्दिक स्वागत किया और उनकी भागीदारी को राज्य के विकास में अहम बताया।
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में हुई घोषणा
जयपुर में चल रहे राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस महत्वपूर्ण घोषणा को मीडिया के सामने साझा किया। उन्होंने कहा, "10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थान दिवस मनाने का निर्णय प्रदेश की प्रगति के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। हमें प्रवासी राजस्थानियों से प्रेरणा और सहयोग मिलेगा।"
प्रवासी राजस्थानियों के योगदान की सराहना
मुख्यमंत्री ने प्रवासी राजस्थानियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्थान के विकास में उनकी भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा, "राजस्थान की पहचान हमारी संस्कृति, मीठी बोली और अतिथि सत्कार में है। हमारी 8 करोड़ जनता प्रवासी राजस्थानियों का अभिनंदन करती है।" उन्होंने यह भी बताया कि प्रवासी राजस्थानी विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देकर राज्य को गर्व महसूस करा रहे हैं।
संस्कृति और विकास का संगम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रवासी राजस्थान दिवस राज्य और प्रवासी राजस्थानियों के बीच एक नया सेतु बनेगा। इससे उनकी भावनाओं और संसाधनों को राजस्थान के विकास में जोड़ा जा सकेगा। इस कदम का उद्देश्य न केवल राजस्थानियों को अपनी जड़ों से जोड़े रखना है, बल्कि राज्य को एक समृद्ध और विकसित प्रदेश के रूप में स्थापित करना भी है।
राजस्थान को समृद्ध बनाने का संकल्प
समारोह में मुख्यमंत्री ने राज्य को समृद्ध और सिरमौर बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रवासी राजस्थानी एक साझा दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेंगे। यह दिन न केवल एक त्योहार के रूप में, बल्कि राज्य के भविष्य को दिशा देने वाले अवसर के रूप में भी मनाया जाएगा।
प्रवासी राजस्थान दिवस की घोषणा न केवल प्रवासी राजस्थानियों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह राजस्थान के विकास में एक नए अध्याय की शुरुआत भी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का यह कदम राजस्थान की संस्कृति और समृद्धि को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।