विपक्ष द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जोरदार हंगामा हुआ, जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस की आलोचना की, कहा कि अगर विपक्ष ने सभापति की गरिमा पर हमला किया, तो हम उसकी रक्षा करेंगे।
New Delhi: राज्यसभा में बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जमकर हंगामा हुआ। इस विवाद के चलते सदन की कार्यवाही कल, 12 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि अगर विपक्ष ने सभापति की गरिमा पर हमला किया तो हम उसकी रक्षा करेंगे।
मंत्री रिजिजू का कांग्रेस पर निशाना
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े हैं। उन्होंने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस के कथित संबंधों का मुद्दा उठाया। रिजिजू ने कहा, "अगर आप चेयरमैन का सम्मान नहीं कर सकते तो आपको सदस्य बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए। रिजिजू ने यह भी कहा कि अगर विपक्ष ने चेयरमैन की गरिमा को नुकसान पहुंचाया, तो उसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हमने देश की संप्रभुता की रक्षा करने की शपथ ली है।"
विपक्षी दबाव में राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
विपक्षी दल I.N.D.I.A. ब्लॉक ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ उच्च सदन के महासचिव को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा। I.N.D.I.A ब्लॉक अडानी मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है और संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन भी कर रहा है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अगर विपक्ष ने सभापति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव प्रस्तुत किया है तो इससे उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठेंगे। उन्होंने कहा, "यदि विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का फैसला किया है तो यह लोकतंत्र की पवित्रता पर एक बड़ा सवाल है।"
मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा की शीतकालीन सत्र की कार्यवाही में विपक्ष और सत्ता पक्ष के सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिससे कार्यवाही बाधित हो गई। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "किसान का बेटा उपराष्ट्रपति बना है और पूरे देश ने देखा है कि उसने सदन की गरिमा को बनाए रखा है।" इस बीच, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस और अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के कथित संबंधों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, "हमारा ध्यान कांग्रेस के साथ सोरोस के रिश्ते की तरफ भी है, जो हमारे देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।"
हंगामा और कार्यवाही स्थगित
राज्यसभा की कार्यवाही 12 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई है। इससे पहले किरेन रिजिजू ने कहा, "विपक्ष को चेयरमैन का सम्मान करना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते तो उन्हें सदस्य बने रहने का अधिकार नहीं है।" अगर सभापति का पद संसद की गरिमा का प्रतीक है और उसे किसी भी कीमत पर क्षति नहीं पहुंचनी चाहिए। रिजिजू ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के कुछ सदस्य भारतीय राजनीति में सोरोस की भूमिका को बढ़ावा दे रहे हैं, जो देश की संप्रभुता के लिए एक गंभीर खतरा है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का बयान
इस हंगामे के बीच, विपक्ष और सत्ता पक्ष के सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। जेपी नड्डा ने कहा, "हमारे सांसद सोनिया गांधी और सोरोस के बीच संबंधों का मुद्दा उठाते रहे हैं। यह देश की संप्रभुता का सवाल है।" उन्होंने कहा कि सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना देश की संप्रभुता को कमजोर करने की कोशिश है और इसकी सभी को निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पहले विपक्ष को समझना चाहिए कि यह हमारे संविधान की रक्षा के साथ खिलवाड़ है।
सत्तापक्ष का तर्क- सभापति की गरिमा पर हमला
सत्तापक्ष ने बार-बार विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा संविधान की रक्षा की है और इसका सम्मान करना चाहिए। रिजिजू ने कहा, "हमारे लिए संविधान सर्वोच्च है और हमें इसके सम्मान की रक्षा करनी है।" उन्होंने कहा, "अध्यक्ष का पद किसी भी सदन की गरिमा का प्रतीक है और उस पर हमला लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है।" केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "यह न केवल सभापति की गरिमा पर हमला है, बल्कि यह देश की संप्रभुता पर भी सीधा प्रहार है।"
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे लोकतंत्र की रक्षा में विश्वास रखते हैं और किसी भी तरह से संप्रभुता को कमजोर नहीं करेंगे। पार्टी ने कहा, "हम लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान करते हैं और हमेशा उन्हें मजबूत करने की कोशिश करेंगे।" कांग्रेस ने कहा कि महाभियोग प्रस्ताव सभापति की निष्पक्षता को साबित करेगा और यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है। पार्टी का कहना है कि जब तक आरोपों की जांच नहीं हो जाती, तब तक किसी भी निर्णय पर पहुंचने का कोई मतलब नहीं है।