RG Kar Rape Case: संजय रॉय को रेप केस में उम्रकैद, अदालत ने सुनाया अहम फैसला, 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस' से किया इंकार

RG Kar Rape Case: संजय रॉय को रेप केस में उम्रकैद, अदालत ने सुनाया अहम फैसला, 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस' से किया इंकार
Last Updated: 9 घंटा पहले

ट्रेनी डॉक्टर दुष्कर्म मामले में संजय रॉय को उम्रकैद की सजा, भारतीय न्याय संहिता की धारा 64, 66, और 103 के तहत दोषी ठहराया। महिला डॉक्टर का शव 9 अगस्त 2024 को मिला।

RG Kar Rape Case: कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कालेज और अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दरिंदगी मामले में सियालदह कोर्ट ने दोषी सिविक वालंटियर संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अनिर्बाण दास ने सोमवार को सुनाया। संजय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (दुष्कर्म), 66 (दुष्कर्म के बाद मौत) और 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया था।

मामले का विवरण

यह घिनौनी घटना 9 अगस्त 2024 को हुई थी, जब अस्पताल के सेमिनार हॉल से महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। मामले की जांच सीबीआइ द्वारा की जा रही थी, और इस मामले में अब तक 51 लोगों का बयान दर्ज किया गया है। महिला डॉक्टर के शव मिलने के अगले दिन, संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था। मामले में शिकार महिला डॉक्टर के माता-पिता ने भी न्याय की उम्मीद जताई थी।

संजय रॉय का बयान

सुनवाई के दौरान, संजय ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसे फंसाया गया है। जज ने उसे सजा सुनाने से पहले फिर से बोलने का मौका दिया और पूछा कि क्या उसके परिवार वालों ने उससे संपर्क किया था, जिस पर संजय ने ‘नहीं’ जवाब दिया। संजय के वकील ने फांसी की सजा की बजाय वैकल्पिक सजा की मांग की, वहीं सीबीआइ के वकील ने इसे 'विरलतम' मामला बताते हुए मृत्युदंड की सजा देने की वकालत की।

आरजी कर कांड का घटनाक्रम

9 अगस्त 2024: आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल से प्रशिक्षु महिला डॉक्टर का शव बरामद, पुलिस ने मामला दर्ज किया।
10 अगस्त: कोलकाता पुलिस ने आरोपित संजय रॉय को गिरफ्तार किया, जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
13 अगस्त: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया, जांच सीबीआइ को सौंपा।
14 अगस्त: 25 सदस्यीय सीबीआइ टीम और फारेंसिक टीम का गठन।
14-15 अगस्त: 'रिक्लेम द नाइट' अभियान के दौरान आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़।
18 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया।
21 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय बलों को अस्पताल की सुरक्षा संभालने का निर्देश दिया।

24 अगस्त: संजय रॉय और छह अन्य के लाई डिटेक्शन टेस्ट किए गए।
25 अगस्त: सीबीआइ ने अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और अन्य के आवास पर छापेमारी की।
2 सितंबर: संदीप घोष को अस्पताल में वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
14 सितंबर: सीबीआइ ने टाला थाने के प्रभारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया।
3 अक्टूबर: न्याय की मांग पर जूनियर डॉक्टरों ने भूख हड़ताल की।
7 अक्टूबर: सीबीआइ ने संजय रॉय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
21 अक्टूबर: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों ने भूख हड़ताल खत्म की।
4 नवंबर: सियालदह कोर्ट में संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय किए गए।
11 नवंबर: सियालदह कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ।
29 नवंबर: सीबीआइ ने वित्तीय भ्रष्टाचार के मामले में 125 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की।
18 जनवरी: सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को दोषी करार दिया।
20 जनवरी: आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

सजा का ऐलान

इस मामले में सीबीआइ के वकील ने कहा था कि यह एक बहुत गंभीर और दुर्लभ मामला है। महिला डॉक्टर समाज की सेवा कर रही थीं, और उनके साथ इस प्रकार का जघन्य अपराध किया गया। वहीं, संजय के वकील ने मृत्युदंड के बदले वैकल्पिक सजा देने की मांग की। अंततः कोर्ट ने संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

Leave a comment