संभल हिंसा के खिलाफ आइसा (AISA) और जेएनयूएसयू के समर्थकों ने दिल्ली के यूपी भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने यूपी सरकार को हिंसा का जिम्मेदार ठहराते हुए इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाई।
Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुए जातीय हिंसा के खिलाफ अब दिल्ली में जोरदार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मंगलवार, 26 नवंबर को, आइसा (AISA) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने दिल्ली स्थित यूपी भवन के बाहर बड़ी संख्या में जमा होकर इस हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया। इन छात्रों ने यूपी सरकार की नीतियों और राज्य सरकार के मुखिया, योगी आदित्यनाथ को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस हिंसा में निर्दोष मुसलमान युवाओं की जान गई है और यूपी सरकार इस पर चुप है।
प्रदर्शनकारियों का आरोप
प्रदर्शन के दौरान छात्रों के हाथों में पोस्टर और प्लेकार्ड थे जिन पर लिखा था, 'योगी आदित्यनाथ, संभल के मुसलमान युवाओं की मौत के जिम्मेदार हैं!' और 'संभल में यह हिंसा क्यों हो रही है?' प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि जब हिंसा हुई, तो यूपी सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के बजाय पुलिस और प्रशासन की मदद से हिंसा को बढ़ावा दिया। इसी बीच, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका और कई छात्रों को हिरासत में ले लिया। इनमें जेएनयू छात्र संघ (SFI) के अध्यक्ष धनंजय, आइसा की दिल्ली राज्य सचिव नेहा सहित अन्य छात्र नेताओं को गिरफ्तार किया गया। छात्रों का आरोप था कि उन्हें बिना बताए बवाना थाने ले जाया गया और वहां पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।
मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान टकराव
संभल हिंसा की शुरुआत 19 नवंबर को शाही जमा मस्जिद के सर्वेक्षण से हुई। उस दिन अदालत के आदेश पर मस्जिद के पास सर्वेक्षण किया जा रहा था, जिससे स्थिति बिगड़ गई। सर्वेक्षण के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद अज्ञात लोगों ने नारेबाजी की और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई। यह हिंसा धीरे-धीरे बढ़ती गई और प्रशासन की स्थिति पर काबू पाना मुश्किल हो गया। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए।
छात्रों का आंदोलन जारी रहेगा
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रदर्शन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को न्याय की मांग करने की सजा मिली है, क्योंकि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उन्हें बवाना थाने ले जाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि संभल के निर्दोष लोगों की मौत के बाद यूपी पुलिस पर विश्वास करना अब मुश्किल है। उन्होंने छात्रों से इस आंदोलन को और मजबूत करने की अपील की और यह कहा कि वे इस लड़ाई में शामिल होकर न्याय की मांग जारी रखें।
संभल हिंसा में यूपी पुलिस की भूमिका पर सवाल
आइसा ने बयान जारी कर कहा कि यूपी पुलिस द्वारा हिंसा में मारे गए पांच मुस्लिमों के खिलाफ यूपी भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया। आइसा ने इस मामले में यूपी पुलिस की भूमिका की आलोचना की और कहा कि हिंसा के आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रदर्शनकारियों के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने उनकी शांतिपूर्ण विरोध को भी नकारते हुए उन पर हमला किया और कई छात्रों को हिरासत में लिया। आइसा और जेएनयू छात्रसंघ ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें अपने अधिकारों से वंचित किया और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग किया।