सीएम योगी के बयान पर भड़कीं सपा की युवा सांसद प्रिया सरोज, बोलीं- "तो सोचिए, क्या हाल होगा?"

सीएम योगी के बयान पर भड़कीं सपा की युवा सांसद प्रिया सरोज, बोलीं-
अंतिम अपडेट: 05-12-2024

समाजवादी पार्टी की युवा सांसद प्रिया सरोज ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने योगी के बयान को लेकर तीखा हमला करते हुए कहा, "500 साल पहले क्या हुआ था, क्या नहीं हुआ, हम इसे कैसे उचित सिद्ध कर सकते हैं? अब जब संविधान में यह साफ तौर पर लिखा गया है कि धार्मिक स्थलों से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, तो अचानक ऐसी छेड़छाड़ करने की ज़रूरत क्यों पड़ रही है?"

प्रिया सरोज का यह बयान उस वक्त आया जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सार्वजनिक मंच पर कहा था कि जो धार्मिक स्थल 500 साल पहले बने थे, उन्हें लेकर विचार किया जाएगा। योगी के इस बयान से राजनीतिक हलकों में काफी हलचल मच गई है और विपक्षी दलों ने उनकी आलोचना करना शुरू कर दिया है।

खोद खोद कर सर्वे कराने पर क्या होगा?

प्रिया सरोज ने योगी के बयान को लेकर आगे कहा, "अगर देश में इस तरह के सर्वे करवाए जाएं, तो सोचिए क्या होगा? क्या इससे समाज में नफरत और असहमति की दीवारें और मजबूत नहीं होंगी?" उन्होंने यह भी पूछा कि जब संविधान में साफ निर्देश हैं कि धार्मिक स्थलों को बिना किसी कारण के नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए, तो फिर क्यों ऐसे बयान दिए जा रहे हैं जो देश के सामूहिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

सपा सांसद ने कहा कि अगर खोद-खोद कर पुराने विवादों को फिर से ताजा किया जाएगा, तो यह समाज में केवल और केवल असहमति और बुरे असर का कारण बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे भारतीय समाज के बहुलतावाद और धर्मनिरपेक्षता पर आघात लगेगा।

क्या यूपी की विकास दर कम नहीं हुई?

प्रिया सरोज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर यह भी आरोप लगाया कि उनका ध्यान उत्तर प्रदेश के विकास से भटककर केवल धार्मिक मुद्दों पर केन्द्रित हो गया है। उन्होंने कहा, "क्या अब यूपी की विकास दर कम हो गई है? क्या यहां के किसान, व्यापारी और आम नागरिक परेशान नहीं हैं?" सरोज का यह बयान राज्य की बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं के संदर्भ में आया है।

उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार का ध्यान इन मुद्दों पर नहीं है और केवल धर्म के नाम पर राजनीति की जा रही है, तो इससे राज्य का विकास रुक जाएगा और समाज में असमानता बढ़ेगी। उन्होंने यूपी में युवाओं के रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी सवाल उठाए।

सियासी मुद्दों को तूल देने से कुछ नहीं होगा

सपा सांसद ने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं को सियासी मुद्दों को तूल देने के बजाय, लोगों की समस्याओं को सुलझाने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि अगर नेता अपनी बयानबाजी से परे जाकर जनता के लिए काम करें, तो इससे समाज में एकता और शांति बनी रहेगी।

उन्होंने कहा, "आज यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है, और सरकार इस पर ध्यान देने के बजाय ऐसे विवादों में उलझी हुई है। अगर यही स्थिति रही, तो समाज में और अधिक टकराव पैदा होगा और आम आदमी को ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।"

विपक्षी दलों ने भी की आलोचना

योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद विपक्षी दलों ने भी इसे जोरदार तरीके से विरोध किया है। कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री योगी के बयान को संप्रदायिक और विभाजनकारी बताया है। इन दलों ने कहा कि सरकार को इस तरह के मुद्दों पर राजनीति करने के बजाय, देश और राज्य की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

प्रिया सरोज ने भी इस पर अपनी चिंता जताई और कहा कि अगर सत्ताधारी दल ऐसे बयान देने में व्यस्त रहेगा, तो देश और समाज में बंटवारा ही बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को ऐसे बयानबाजी करने के बजाय ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि समाज में सभी वर्गों के बीच भाईचारा और समानता बनी रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान ने एक बार फिर राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। प्रिया सरोज और अन्य विपक्षी नेताओं ने इसे असंवेदनशील और अस्वीकार्य करार दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान के बाद यूपी और पूरे देश में राजनीतिक माहौल कैसे बदलता है, और क्या सरकार अपनी नीति में बदलाव करती है या नहीं।

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