ताजमहल की ऐतिहासिक धरा पर सजा ताज महोत्सव 2025 इस बार कॉमेडी और रंगों की मस्ती से सराबोर रहा। कॉमेडियन सुनील ग्रोवर और मिमिक्री आर्टिस्ट विकल्प मेहता ने अपनी दमदार प्रस्तुतियों से दर्शकों को हंसी की लहर में बहा दिया। मंच पर उनकी एंट्री होते ही दर्शक ठहाकों से गूंज उठे, और उनकी हास्य कला ने समां बांध दिया।
आगरा: ताज महोत्सव 2025 में, शिल्पग्राम स्थित मुख्य मंच पर, दर्शकों की भारी भीड़ ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया। रात 9:50 बजे, प्रसिद्ध अभिनेता और कॉमेडियन सुनील ग्रोवर ने अपने लोकप्रिय किरदार 'गुत्थी' के रूप में मंच पर प्रवेश किया, जिससे दर्शकों में उत्साह की लहर दौड़ गई। उन्होंने 'गुत्थी' और 'डॉक्टर मशहूर गुलाटी' के किरदारों में अपने चुटीले अंदाज से दर्शकों को खूब हंसाया। उनकी कॉमिक टाइमिंग और हास्यपूर्ण संवादों ने देर रात तक माहौल को जीवंत बनाए रखा।
गुत्थी की मस्ती और मशहूर गुलाटी की डॉक्टरगिरी
रात 9:50 बजे जब सुनील ग्रोवर ने हरी साड़ी में गुत्थी बनकर मंच पर कदम रखा, तो तालियों और सीटियों की गड़गड़ाहट से शिल्पग्राम गूंज उठा। "हम सपेरे की बेटी हैं, काला जादू दिखाऊंगी..." जैसी चुटीली लाइनों और मजाकिया हरकतों ने दर्शकों को पेट पकड़कर हंसने पर मजबूर कर दिया। गुत्थी का फेमस डायलॉग "मेरे हसबैंड मुझसे प्यार नहीं करते..." सुनते ही दर्शक लोटपोट हो गए।
इसके बाद, जब सुनील ग्रोवर डॉक्टर मशहूर गुलाटी बनकर मंच पर आए, तो उनकी हरकतों और अतरंगी अंदाज ने दर्शकों को जमकर गुदगुदाया। मंच पर "नर्स" के साथ उनकी एंट्री होते ही पूरा पंडाल तालियों की गूंज से भर गया। सुनील ग्रोवर ने दर्शकों से संवाद करते हुए उनकी हंसी की डोज़ को और बढ़ा दिया।
विकल्प मेहता ने अक्षय कुमार की मिमिक्री से लूटी महफिल
अभिनेता और मिमिक्री आर्टिस्ट विकल्प मेहता की एंट्री भी किसी फिल्मी स्टाइल से कम नहीं थी। उन्होंने फिल्म सूर्यवंशी के टाइटल ट्रैक पर बाइक से धमाकेदार एंट्री ली। इसके बाद उन्होंने "देसी बॉयज़" और "मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी" जैसे गानों पर डांस कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उनकी अक्षय कुमार की मिमिक्री ने लोगों को खूब हंसाया। हेराफेरी के बाबू भइया के डायलॉग्स और राउडी राठौर का "जो मैं बोलता हूं, वो मैं करता हूं" कहकर उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया। उनके मजेदार एक्ट्स के दौरान दर्शक ठहाकों में डूबे रहे।
स्वर और नृत्य का रंगारंग संगम
ताज महोत्सव में सिर्फ कॉमेडी ही नहीं, बल्कि संगीत और नृत्य की भी शानदार प्रस्तुतियां देखने को मिलीं। बांसुरी वादक राजन प्रसन्ना ने "पधारो म्हारे देश..." की मनमोहक प्रस्तुति दी, वहीं डॉ. अवनीता चौधरी के भजनों ने भक्तिमय माहौल बना दिया। रश्मि उपाध्याय ने "होली खेले शिव भोला..." गाकर माहौल को रंगों की मस्ती में बदल दिया। कथक नृत्यांगना शिवानी गुप्ता की "विष्णु वंदना" और प्रिया गौतम के ग्रुप द्वारा प्रस्तुत "अमृत मंथन" की नृत्य नाटिका ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
भजन संध्या और लोक संगीत का जलवा
सदर बाजार में प्रस्तुतियों की शुरुआत भजन "दर्शन दो घनश्याम..." से हुई, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। इसके बाद नन्हीं बच्चियों ने कथक नृत्य प्रस्तुत कर समां बांध दिया। राजस्थानी कलाकार ईश्वर सिंह खींची ने लोकगीतों से समां बांधा, जबकि विश्व रिकॉर्डधारी डॉ. प्रमोद कटारा ने स्विस बॉल पर बैलेंस करते हुए गाने गाकर सभी को अचंभित कर दिया। बैंड कलाकार विशाल अग्रवाल और मथुरा के मौजुद्दीन के डायमंड बैंड ने बॉलीवुड और सूफी संगीत की जुगलबंदी पेश की।
शिल्पग्राम में रंग और संगीत का संगम
ताज महोत्सव 2025 न सिर्फ हंसी-ठिठोली का संगम रहा, बल्कि संगीत, नृत्य और भारतीय संस्कृति की झलक भी इसमें बखूबी देखने को मिली। रंग दे तू मोहे गेरुआ... जैसे गानों पर जहां लोगों ने नाच-गाकर महोत्सव का आनंद उठाया, वहीं कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों ने इस महोत्सव को यादगार बना दिया। इस रंगारंग शाम में कॉमेडी और मनोरंजन की ऐसी बौछार हुई कि दर्शकों ने देर रात तक हंसी और संगीत के सुरों का आनंद लिया। ताज महोत्सव का यह आयोजन एक बार फिर अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ हंसी और खुशियों की सौगात लेकर आया।