UP में खतरनाक साजिश: लोको पायलट की चौकसी से बची लाखों की जानें, बलिया में ट्रैक पर रखे पत्थर से टकराई लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस

UP में खतरनाक साजिश: लोको पायलट की चौकसी से बची लाखों की जानें, बलिया में ट्रैक पर रखे पत्थर से टकराई लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस
Last Updated: 29 सितंबर 2024

बलिया में लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस के इंजन से पत्थर टकराने के कारण एक बड़ा हादसा होने से बच गया। मीरजापुर में भी रेलवे ट्रैक पर एक अग्निशामक यंत्र पाया गया। इन दोनों ही घटनाओं में लोको पायलट की सतर्कता से एक बड़ी दुर्घटना टल गई। पुलिस इन मामलों की जांच कर रही हैं। पुलिस क्षेत्राधिकारी बैरिया मो. उस्मान ने बताया कि यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि पत्थर का आकार कितना बड़ा था।

वाराणसी: प्रदेश के विभिन्न जिलों में हाल ही में रेल पटरियों पर गैस सिलिंडर, लोहे के सरिए, पेड़ की डालियाँ आदि रखे जाने की घटनाओं के बाद शनिवार को बलिया में एक ट्रेन को बेपटरी करने का प्रयास किया गया। बकुलहा-मांझी स्टेशन के बीच ट्रैक पर बड़े पत्थरों के टुकड़े से लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस के इंजन की टक्कर हुई।

रेलवे ट्रैक पर बड़ा हादसा टला

मीरजापुर में जिवनाथपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक डाउन लाइन के ट्रैक के बीच अग्निशामक यंत्र पाया गया। उस समय एक मालगाड़ी वहां से गुजर रही थी। दोनों घटनाओं में लोको पायलट की तत्परता के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस सुबह लगभग नौ बजे बलिया स्टेशन से रवाना हुई।

मांझी पुल के पास मिला बड़ा पत्थर

बकुलहा-मांझी रेलवे स्टेशन के बीच मांझी पुल से लगभग 300 मीटर पहले, लोको पायलट को पटरी पर एक बड़ा पत्थर दिखाई दिया। ट्रेन की गति लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटा थी। लोको पायलट संजीव कुमार ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाया, लेकिन पत्थर इंजन के सेफ्टी गार्ड से टकराकर चूर-चूर हो गया। इसके बाद, लोको पायलट ने मांझी रेलवे स्टेशन को सूचना दी और सुरक्षा जांच के बाद ट्रेन को छपरा के लिए रवाना किया।

बलिया और छपरा की आरपीएफ टीम, आरपीएफ क्राइम ब्रांच छपरा और पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल पर जांच की। पुलिस क्षेत्राधिकारी बैरिया मो. उस्मान ने बताया कि पत्थर का आकार अभी तक स्पष्ट नहीं किया जा सका है। पत्थर से इंजन के टकराने के बाद पटरी पर खरोंच के निशान मिले हैं। घटनास्थल के आस-पास बाढ़ पीड़ितों ने ठिकाना बना रखा हैं। जांच की जा रही है कि यह ट्रेन को पलटाने की साजिश थी या किसी की शरारत। इस मामले में अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं की गई हैं।

लोको पायलट की चतुराई से बची जानें

मीरजापुर स्टेशन से तड़के मालगाड़ी पीडीडीयू जंक्शन के लिए रवाना हुई। सुबह लगभग पांच बजे, जिवनाथपुर स्टेशन के निकट ट्रेन के लोको पायलट की नजर पटरियों के बीच पड़े अग्निशामक यंत्र पर पड़ी। उसने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया और गार्ड को सूचना दी। गार्ड ने इस मामले की जानकारी स्टेशन मास्टर और कंट्रोल रूम को दी।

आरपीएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर अग्निशामक यंत्र को अपने कब्जे में ले लिया और मालगाड़ी को आगे के सफर के लिए रवाना कर दिया। आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक चुनार मो. सालिक ने बताया कि यह अग्निशामक यंत्र संभवतः किसी ट्रेन के कोच से टूटकर गिरा होगा। इसकी जांच की जा रही हैं।

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