योगी सरकार ने यूपी में 76वां जिला 'महाकुंभ मेला' बना दिया है। इस जिले में तीन तहसीलों के 67 गांव शामिल किए गए हैं। महाकुंभ मेला जिले के डीएम विजय किरन आनंद होंगे, जबकि एसएसपी राजेश द्विवेदी की नियुक्ति पहले ही की जा चुकी है।
UP New District: प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने मेला क्षेत्र को नया जिला घोषित किया है। इस नए जिले का नाम 'महाकुंभ मेला' रखा गया है। यह नया जिला अस्थाई तौर पर महाकुंभ के आयोजन के लिए बनाया गया है और आयोजन के समाप्त होने के बाद इसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इस निर्णय से प्रदेश में जिलों की संख्या अब 75 से बढ़कर 76 हो गई है। महाकुंभ मेला जिले में महाकुंभ के आयोजन के दौरान प्रशासनिक प्रक्रियाएं और कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी।
'महाकुंभ मेला' जिले में नई प्रशासनिक संरचना लागू
महाकुंभ मेला जिले में अब तक जो प्रशासनिक संरचना प्रयागराज जिले में थी, उसकी जगह यहां नई प्रशासनिक व्यवस्था लागू की जाएगी। इस नए जिले में अलग डीएम (जिलाधिकारी) और एसएसपी (पुलिस अधीक्षक) नियुक्त किए जाएंगे, ताकि महाकुंभ के दौरान कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिल सके। इसके अलावा, यहां पर अलग-अलग पुलिस थाने और चौकियों की व्यवस्था की जाएगी, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली और भी सुदृढ़ हो सके। महाकुंभ मेला जिले के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में परेड क्षेत्र सहित चार तहसीलें - सदर, सोरांव, फूलपुर और करछना, और इन तहसीलों के कुल 67 गांव शामिल किए गए हैं।
नए जिले के डीएम और एसएसपी की नियुक्ति
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ मेला जिले के प्रशासनिक दायित्वों के निर्वहन के लिए जिम्मेदारी तय कर दी है। महाकुंभ मेला जिले के कलेक्टर और मेलाधिकारी के रूप में विजय किरन आनंद की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा, महाकुंभ मेला जिले के पुलिस प्रमुख (एसएसपी) के तौर पर राजेश द्विवेदी को पहले ही नियुक्त किया जा चुका है।
इन अधिकारियों को महाकुंभ के आयोजन से संबंधित सभी व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं को सही तरीके से संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, नए जिले के डीएम को कलेक्टर के सभी अधिकार दिए गए हैं, जिससे वे सभी श्रेणी के मुकदमों में निर्णय ले सकेंगे।
नए जिले का प्रशासनिक रुप
महाकुंभ मेला जिले का अस्तित्व अस्थाई होगा और यह केवल महाकुंभ के आयोजन के दौरान ही रहेगा। महाकुंभ के बाद, यह जिला समाप्त हो जाएगा और फिर से प्रशासनिक रूप से प्रयागराज जिले में विलय हो जाएगा। इस बार महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच होने जा रहा है, जो एक ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन है। इस आयोजन के लिए यूपी सरकार ने खास तैयारी की है और प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सभी पहलुओं पर ध्यान दिया है। महाकुंभ मेला जिले की स्थापना का उद्देश्य आयोजन के दौरान बेहतर प्रशासनिक, सुरक्षा और सुविधाएं सुनिश्चित करना है, ताकि लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर अनुभव हो सके।