UP News: मदरसा अधिनियम की असंवैधानिता पर यूपी राजभर का बड़ा बयान, मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया में बदलाव, दो विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा

UP News: मदरसा अधिनियम की असंवैधानिता पर यूपी राजभर का बड़ा बयान, मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया में बदलाव, दो विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा
Last Updated: 14 अगस्त 2024

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड को असंवैधानिक घोषित किए जाने के बाद, प्रदेश के 16,000 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है। इस स्थिति में, राज्य सरकार मदरसों के संचालन के लिए एक नई व्यवस्था स्थापित करने पर विचार कर रही है। यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री (Om Prakash Rajbhar) ने इस दिशा में संकेत देते हुए कहा कि प्रदेश में मदरसों के संचालन हेतु दो नए विश्वविद्यालय खोले जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।

Lucknow: भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री (Om Prakash Rajbhar) ने उत्तर प्रदेश में मदरसों के संचालन के लिए एक नई व्यवस्था प्रारंभ करने के संकेत दिए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मदरसों के संचालन हेतु दो विश्वविद्यालय स्थापित करने पर विचार चल रहा है। इन विश्वविद्यालयों के माध्यम से मदरसों को मान्यता प्रदान की जाएगी।

मदरसों से संबंधित विवादों को किया जायेगा समाप्त

जानकारी के अनुसार सोमवार को लखनऊ के रवीन्द्रालय में पार्टी की बैठक के दौरान मंत्री राजभर ने मीडिया से कहा कि प्रदेश में दो नए विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इन विश्वविद्यालयों को राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड से जोड़ा जाएगा, जिससे मदरसों को मान्यता प्राप्त होगी। उन्होंने यह भी बताया कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मदरसों से संबंधित विवादों को समाप्त करने की दिशा में काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय, पूर्वांचल विश्वविद्यालय और शकुंतला विश्वविद्यालय के माध्यम से कई विद्यालय संचालित हो रहे हैं। यदि इसी तरह से विश्वविद्यालयों के अंतर्गत मदरसों का संचालन होता, तो आज मदरसों के संबंध में विवाद उत्पन्न नहीं होता।

दो नए विश्वविद्यालयों की होगी स्थापना

हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड को असंवैधानिक करार दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 16,000 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई थी। इस निर्णय के बाद मदरसों के संचालन को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय द्वारा मदरसों को मान्यता देने के संबंध में एक प्रस्ताव भेजा जा चुका है।

रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च शिक्षा से संबंधित कामिल और फाजिल की डिग्री को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अलीगढ़ विश्वविद्यालय ने मदरसों को मान्यता देने का प्रावधान किया है, और इसी तरह अल्पसंख्यक कल्याण विभाग भी मदरसों को मान्यता प्रदान करने के लिए दो नए विश्वविद्यालयों की स्थापना पर विचार कर रहा है।

पार्टी का बदला चुनाव चिन्ह

सुभासपा ने अपने चुनाव चिन्ह को छड़ी से बदलकर चाबी पर रख लिया है और इसके साथ ही पार्टी में महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन भी किए गए हैं। ओपी राजभर को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि उनके बेटे अरविंद को महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी की बैठक में प्रेमचंद कश्यप को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया

है। ओपी राजभर ने पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से आगामी 2026 के ज़िला पंचायत और विधानसभा चुनावों के लिए अभी से तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया है।

 

 

 

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