डोनाल्ड ट्रंप, जो अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति होंगे, उन्हें फ्लाइंग व्हाइट हाउस जैसी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं और सैलरी मिलेंगी। फ्लाइंग व्हाइट हाउस, एक एयरबोर्न कमांड सेंटर है, जो राष्ट्रपति को उच्चतम सुरक्षा और कार्य क्षमता प्रदान करता है। भारतीय राष्ट्रपति से तुलना की जाए, तो अमेरिकी राष्ट्रपति का प्रभाव और शक्ति कहीं अधिक होती है, क्योंकि वह न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक निर्णयों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे और उन्हें दुनिया की सबसे ताकतवर राजनीतिक पदों में से एक मिलेगा। राष्ट्रपति बनने पर उन्हें फ्लाइंग व्हाइट हाउस जैसी सुविधाएं मिलेंगी, जो एक एयरबोर्न कमांड सेंटर है और राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान सुरक्षा और नियंत्रण प्रदान करता है। इसके अलावा, उन्हें सुरक्षा, आवास, और उच्चतम वेतन की सुविधाएं भी मिलेंगी, जो दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बनाने में मदद करती हैं।
राष्ट्रपति को को दिया जाता हैं मरीन हेलीकॉप्टर और एयरफोर्स वन
अमेरिकी राष्ट्रपति को उनके देश-विदेश के दौरे के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्राप्त होती हैं, जिनमें मरीन वन हेलीकॉप्टर और एयरफोर्स वन प्लेन शामिल हैं। मरीन वन हेलीकॉप्टर राष्ट्रपति को वॉशिंगटन के उनके आधिकारिक आवास से एयरपोर्ट तक पहुंचाता है, और इसमें राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए मरीन कमांडो और सीक्रेट सर्विस के अफसर भी होते हैं।
एयरफोर्स वन विमान लगभग 4000 वर्ग फुट में फैला होता है और इसे 'फ्लाइंग व्हाइट हाउस' और 'फ्लाइंग कैसल' के नाम से भी जाना जाता है। इस विमान में राष्ट्रपति के रोज़मर्रा के कामकाज के लिए व्हाइट हाउस जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं, और इसमें 100 से ज्यादा लोग यात्रा कर सकते हैं। एयरफोर्स वन के साथ, दो और Boeing 747-200Bs विमान उड़ते हैं जो इसे सुरक्षा घेरे में रखते हैं। इसके अलावा एक और जंबो विमान भी होता है, जिसमें कार्यालय कर्मचारी और सुरक्षा अधिकारी होते हैं।
एयरफोर्स वन में अत्यधिक सुरक्षा प्रणालियां मौजूद होती हैं, जैसे कि Directed Infrared Counter Measures (DIRCM) सिस्टम, जो दुश्मन की मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर देता है। इसके अलावा, इस विमान में ऐसे जैमर्स होते हैं जो सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक हमलों से रक्षा करते हैं। एयरफोर्स वन से ही किसी भी आपातकालीन स्थिति में अमेरिकी राष्ट्रपति को परमाणु हमले की शुरुआत करने की अनुमति प्राप्त होती हैं।
राष्ट्रपति को मिलती हैं लिमोजिन कार
अमेरिकी राष्ट्रपति को यात्रा के दौरान एक विशेष लिमोजिन कार मिलती है, जो सीक्रेट सर्विस के सुरक्षा काफिले का हिस्सा होती है। इस कार में एआई आधारित सुरक्षा और एडवांस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम होते हैं। राष्ट्रपति के दौरे पर एक डमी राष्ट्रपति भी साथ होता है, जो राष्ट्रपति जैसा दिखता है, ताकि दुश्मन को भ्रमित किया जा सके। यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति की सुरक्षा में कोई कमी न हो और उन्हें किसी भी खतरे से बचाया जा सके।
अमेरिकी राष्ट्रपति का वेतन
अमेरिकी राष्ट्रपति का वेतन सामान्य अमेरिकी नागरिक से छह गुना अधिक होता है। एक अमेरिकी का औसत वार्षिक वेतन लगभग 53 लाख रुपये है, जबकि राष्ट्रपति की सैलरी 3.35 करोड़ रुपये सालाना होती है। इसके अलावा, राष्ट्रपति को व्हाइट हाउस में मुफ्त रहने की सुविधा मिलती है और उन्हें मनोरंजन, स्टाफ, कुक और अन्य खर्चों के लिए अतिरिक्त 60 लाख रुपये मिलते हैं। इसके साथ-साथ उन्हें मुफ्त इलाज और रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में करीब 2 करोड़ रुपये मिलते हैं।
भारत के राष्ट्रपति की सैलरी
भारतीय राष्ट्रपति की सैलरी अमेरिकी राष्ट्रपति से काफी कम है। भारत के राष्ट्रपति को सालाना 60 लाख रुपये वेतन मिलता है, साथ ही कई भत्ते जैसे फ्री मेडिकल, आवास, बिजली और टेलीफोन बिल मिलते हैं। उन्हें यात्रा के लिए Mercedes-Benz S 600 Pullman Guard जैसी विशेष गाड़ी मिलती है, और उनके पास 86 गार्ड होते हैं। भारतीय राष्ट्रपति के पास सीमित शक्तियां होती हैं, और वे केंद्रीय कैबिनेट की सलाह पर काम करते हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति के पास अधिक शक्तियां होती हैं, जैसे कि परमाणु हमले का आदेश देना।