Uttarakhand Nurse Rape Murder Case: कोलकाता के बाद उत्तराखंड में नर्स के साथ हैवानियत, पीड़िता का पत्थर से कुचला चेहरा, पुलिस ने बदले बयान

Uttarakhand Nurse Rape Murder Case: कोलकाता के बाद उत्तराखंड में नर्स के साथ हैवानियत, पीड़िता का पत्थर से कुचला चेहरा, पुलिस ने बदले बयान
Last Updated: 24 अगस्त 2024

कोलकाता से 1357 किलोमीटर दूर उत्तराखंड के रुद्रपुर में रेप और हत्या की एक ऐसी घटना हुई है, जिसके खिलाफ वहां प्रतिदिन धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई पर भी तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। यह मामला एक नर्स के साथ हुए रेप और हत्या का है, जिसे जानकर हर कोई चौंक गया है।

Uttarakhand: कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के रेप और हत्या की घटना ने पूरे देश में गुस्से की लहर फैला दी है। आरोपी की गिरफ्तारी के बावजूद लोग लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। देश भर के डॉक्टरों ने हड़ताल की, अपने काम को रोका और इस कांड के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग उठाई। उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच पुलिस से सीबीआई को सौंप दी है।

इस मामले का खुलासा लगभग हो चुका है। लेकिन इसी तरह का एक और खौफनाक मामला, जो कि कोलकाता से 1357 किलोमीटर दूर उत्तराखंड के रुद्रपुर में घटित हुआ है, ने वहां के लोगों को भी हिला कर रख दिया है। इस घटना को लेकर वहां भी रोज धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं। यह मामला एक नर्स के साथ हुई रेप और हत्या का है, जिसे जानकर हर कोई दंग रह गया है।

30 जुलाई को हुई थी गुमशुदा

यह भयावह घटना उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले से शुरू होती है। इस जिले का मुख्यालय रुद्रपुर है, जहां एक बड़ा निजी अस्पताल स्थित है। इस अस्पताल में तस्लीम नाम की एक नर्स काम किया करती थी, जिसकी उम्र लगभग 30 वर्ष थी। तस्लीम की शादी 12 साल पहले हुई थी, लेकिन बाद में उसका तलाक हो गया था। वह प्रतिदिन अपने निर्धारित समय पर अस्पताल जाती और फिर घर लौटती। 30 जुलाई को भी तस्लीम अपने घर से समय पर निकली, लेकिन शाम हो जाने के बाद भी वह घर नहीं लौटी। जब उसके परिवार ने उसे फोन किया, तो उसका फोन भी बंद मिला। उसके परिवार ने अस्पताल और उसके जानने वालों को फोन किया और उसकी खोजबीन की, लेकिन उनकी कोशिशें बेकार गईं। रात भर उसके परिजन उसकी तलाश करते रहे, लेकिन वह कहीं नहीं मिली।

कंकाल बन चुकी पीड़िता की लाश

उत्तराखंड पुलिस उधम सिंह नगर जिले में एक नर्स की खोज में थी, तभी 8 अगस्त को यूपी के रामपुर जिले की बिलासपुर थाना पुलिस को वसुंधरा एनक्लेव रोड पर झाड़ियों में एक कंकाल बन चुकी लाश मिली। यह क्षेत्र एक्टिवा बिलासपुर के अंतर्गत आता है। जिस स्थिति में यह लाश मिली, उसकी पहचान करना कठिन था, क्योंकि उसके चेहरे की खाल पूरी तरह से हट चुकी थी और खोपड़ी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी।

पोस्टमार्टम में बलात्कार और हत्या का खुलासा

हैरानी की बात यह थी कि पूरी लाश कंकाल में परिवर्तित हो चुकी थी, लेकिन उसके हाथ और पैर सही सलामत थे। जब पुलिस ने आस-पास की इलाके की जांच की और तलाशी ली, तो वहां से एक महिला का आईडी कार्ड बरामद हुआ। यह आईडी कार्ड तस्लीम का था, जो फुटेला अस्पताल की नर्स थी। इसके बाद, बिलासपुर थाना पुलिस ने उस लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, तो यह स्पष्ट हुआ कि वह लाश एक महिला की थी, जिसके साथ पहले बलात्कार किया गया और फिर गला दबाकर हत्या कर दी गई। अब यूपी पुलिस ने आईडी कार्ड के आधार पर फुटेला अस्पताल से संपर्क किया और उन्हें महिला की लाश मिलने की जानकारी दी।

लाश के समीप नर्स का पहचान पत्र मिला

इस बीच, रुद्रपुर पुलिस नर्स की खोज में जुटी हुई थी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि 30 जुलाई को नर्स अस्पताल से लौटते समय उत्तर प्रदेश के बिलासपुर थाना क्षेत्र में डिबडिबा की तरफ जाती हुई देखी गई थी। उसकी तस्वीरें वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थीं। इसके बाद, नर्स की खोज में उत्तराखंड पुलिस की विभिन्न टीमों को तैनात किया गया। इसी दौरान, अस्पताल के माध्यम से रुद्रपुर थाना पुलिस को तस्लीम का आईडी कार्ड और एक लाश रामपुर के बिलासपुर थाना क्षेत्र में मिलने की सूचना मिली। तत्परता से, पुलिस की एक टीम यूपी के बिलासपुर थाने के लिए रवाना कर दी गई।

सीसीटीवी रिकॉर्डिंग में संदिग्ध व्यक्ति हुआ कैद

उत्तराखंड पुलिस ने नर्स के मोबाइल नंबर को पहले ही निगरानी में ले लिया था। इसके बाद जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, तो एक संदिग्ध युवक दिखाई दिया, जो नर्स के पीछे-पीछे चलता हुआ नजर आया। अब यह व्यक्ति पुलिस के रडार पर गया, जिसे सीसीटीवी फुटेज में साफ-साफ देखा जा सकता था। इसी दौरान, पुलिस को घटना स्थल पर सक्रिय फोन नंबर की निगरानी से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। इसी आधार पर, रुद्रपुर पुलिस की टीम उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के साही थाना क्षेत्र स्थित तुरसा पट्टी गांव पहुंची। पुलिस को संदेह था कि महिला का हत्यारा वहीं हो सकता है, लेकिन जब वे वहां पहुंचे, तो उन्हें कोई नहीं मिला।

राजस्थान का रहने वाला था आरोपी

उत्तराखंड पुलिस को एक विशेष इनपुट मिला, जिसके आधार पर उन्होंने यूपी, हरियाणा और राजस्थान के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया। इसी दौरान, पुलिस को संदिग्ध युवक की लोकेशन राजस्थान में मिली। इसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने जोधपुर, राजस्थान में छापा मारकर धर्मेंद्र नामक व्यक्ति को उसकी पत्नी खुशबू के साथ गिरफ्तार किया और फिर उन्हें रुद्रपुर ले आई।

रेप और हत्या की घटना ने समाज में पैदा की गहरी नाराजगी 

रेप और हत्या की घटना ने समाज में गहरी नाराजगी का माहौल बना दिया है। 30 जुलाई से 8 अगस्त के बीच एक नर्स की गुमशुदगी की खबर ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी थी। रुद्रपुर समेत पूरे जिले के लोग सड़कों पर उतर आए थे। जब नर्स के साथ रेप और हत्या की घटना की जानकारी मिली, तो लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। विभिन्न स्थानों पर धरना-प्रदर्शन शुरू हो गए। 14 अगस्त को पुलिस ने इस मामले का खुलासा करने का दावा किया और धर्मेंद्र को मीडिया के सामने आरोपी के रूप में पेश किया।

SSP ने दिए झूठे बयां  

उधम सिंह नगर जिले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) डॉ . मंजू नाथ टीसी ने बताया कि आरोपी धर्मेंद्र ने पूछताछ के दौरान अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है। आरोपी ने कहा कि 30 जुलाई की शाम को जब उसने महिला को वसुंधरा कॉलोनी जाने वाली सड़क पर अकेले जाते देखा, तो उसकी नीयत खराब हो गई। अंधेरे का फायदा उठाते हुए, आरोपी ने महिला को जबरदस्ती झाड़ियों में खींच लिया, जहां उसने महिला के साथ बलात्कार करने का प्रयास किया। जब महिला ने इसका विरोध किया, तो आरोपी ने उसका सिर सड़क पर पटक दिया और उसके साथ बलात्कार किया। अंततः बलात्कार के बाद, आरोपी ने महिला का गला उसकी चुन्नी से घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस ने जानकारी दी कि शव को झाड़ी में छिपाने के बाद, आरोपी नर्स का मोबाइल और तीस हजार रुपए लेकर फरार हो गया था, जिसे अब पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है।

एसएसपी डॉ. मंजू नाथ टीसी ने कही ये बातें   

आरोपी धर्मेंद्र ने नर्स को पकड़कर बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस बीच, 9 अगस्त को कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर हंगामा शुरू हो चुका था। इसका असर नर्स के बलात्कार और हत्या के मामले पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। युवा, छात्र और कई संगठन नर्स की हत्या के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं।

पीड़ित परिवार ने पुलिस के दावे को नकारा

किसी ने भी पुलिस की कहानी पर विश्वास नहीं किया। नर्स के परिवार के सदस्यों का कहना था कि पुलिस द्वारा किया गया खुलासा पूर्ण रूप से झूठा है। जिस व्यक्ति को आरोपी के रूप में पेश किया गया, वह एक नशेड़ी है, जिसे पुलिस ने अपराध कबूल करने के लिए मजबूर किया है। कुल मिलाकर, मृतक नर्स के परिवार और जनता दोनों को पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं था। इसलिए, जनता का गुस्सा अब पुलिस पर भी फूट पड़ा। लोग पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे।

परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग

उठाई पुलिस द्वारा किए गए खुलासे के बाद मृतक नर्स के परिजन लगातार सवाल उठा रहे हैं। वे सीबीआई जांच की मांग पर अडिग हैं। इस बीच, कांग्रेस, छात्र संघ सहित कई संगठनों ने भी पुलिस के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। छात्रों ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर एसएसपी कार्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया, जिसमें मृतक नर्स के परिजन भी शामिल थे।

एसएसपी ने दिया विवादास्पद बयान

मिली जानकारी के अनुसार बवाल बढ़ता देख उधम सिंह नगर के एसएसपी डॉ. मंजू नाथ टीसी ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने का निर्णय लिया। लेकिन इस दौरान एक पल ऐसा आया जब एसएसपी ने छात्र-छात्राओं के साथ बात करते हुए अपना आपा खो दिया। आवेश में आकर उन्होंने कहा कि उन्होंने अकेले ऐसे दरिंदों को सुधारने का जिम्मा नहीं लिया है। प्रदर्शनकारियों की मांग पर एसएसपी ने कहा कि हर मामले में पूरी तत्परता से कार्रवाई की जा रही है, लेकिन समाज में फैले दरिंदों को समाप्त करने का ठेका उन्होंने अकेले नहीं ले रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब समाज में ऐसे लोग मौजूद हों, तो वह क्या कर सकते हैं। इस विवादास्पद बयान के चलते पुलिस कप्तान भी सवालों के घेरे में गए हैं। उनका यह बयान चर्चा का विषय बन गया है, खासकर नर्स के साथ हुए रेप और मर्डर केस को लेकर पूरे उत्तराखंड में माहौल गर्म है।

राज बेहड़ ने दिखाई चिंता

जनपद उधम सिंह नगर के किच्छा विधानसभा विधायक तिलक राज बेहड़ ने इस मामले पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक बड़ा दुर्भाग्य है कि हमारे छोटे से प्रदेश में बहनें और बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, और अपराधों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। रुद्रपुर की घटना पर दुख प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि एक महिला नर्स जो अस्पताल में काम करती है, अपने घर लौटने के दौरान लापता हो जाती है। उसके साथ बलात्कार किया जाता है और फिर उसकी जान ले ली जाती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का इस गंभीर मामले पर अभी तक कोई बयान नहीं आया है।

जांच के दौरान लिए एसआईटी का गठन

नर्स की हत्या और बलात्कार के मामले में रहे बढ़ते विवाद को देखते हुए पुलिस अब बैकफुट पर दिखाई दे रही है। रुद्रपुर में कोलकाता जैसे नर्स हत्याकांड में, काफी प्रयासों और राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद, एसएसपी ऊधम सिंह नगर ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। उन्होंने अपनी पहली कार्रवाई में यू-टर्न लेते हुए एसआईटी की निगरानी पुलिस अधीक्षक (अपराध) चंद्रशेखर घोड़के को सौंपी है। वहीं, एसआईटी का प्रभारी अधिकारी रुद्रपुर के पुलिस अधीक्षक (नगर) मनोज कत्याल को बनाया गया है। इस टीम में क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर निहारिका तोमर सहित अन्य अधिकारी भी शामिल हैं।

कब होगा सच्चाई का खुलासा

इस मामले में कई सवाल हैं, जिनके उत्तर एसआईटी को खोजने हैं। उदाहरण के लिए: - केवल 9 दिनों में एक लड़की का शव कंकाल में कैसे तब्दील हो गया, जबकि उसके हाथ-पैर सही हालत में थे? - क्या नर्स के शव को एसिड डालकर जलाया गया था ? - नर्स की बेटी का मोबाइल फोन धर्मेंद्र की पत्नी के पास कैसे पहुंचा ? - नर्स का मोबाइल फोन अब कहां है ? - CCTV फुटेज में दिखाई देने वाला व्यक्ति आखिर कौन है?

पुलिसकर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं

नर्स के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर होने के बावजूद अब तक किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों की निगाहें अब एसआईटी की जांच पर टिकी हुई हैं। इस मामले में जितनी देरी हो रही है, उतनी ही सीबीआई जांच की मांग भी बढ़ती जा रही है। इसके अलावा, विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अब सभी को बस इसी बात का इंतजार है कि आखिरकार रुद्रपुर की बेटी को इंसाफ कब मिलेगा?

 

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