वाराणसी सामूहिक हत्याकांड में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है कि परिवार के पांच सदस्यों की हत्या 15 गोलियां मारकर की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, जो अर्धनग्न अवस्था में मिले थे, को तीन गोलियां मारी गई थीं। यह हत्याकांड बेहद नृशंसा तरीके से किया गया था, जिसमें परिवार के सभी सदस्य गंभीर रूप से घायल हुए थे।
उत्तरप्रदेश: वाराणसी में एक ही परिवार के सामूहिक हत्याकांड में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से नए खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू, बेटे नमनेंद्र, सुबेंद्र और बेटी गौरांगी की हत्या 15 गोलियों से की गई थी। घटना के 11 घंटे बाद, एक परिचित की तहरीर पर भेलूपुर थाने में मंगलवार रात को सिर्फ चार लोगों की हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। जबकि पोस्टमार्टम लगभग 32 घंटे बाद, बुधवार रात 8:15 बजे शुरू हुआ और भोर तक चलता रहा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि नीतू और उसके बड़े बेटे नमनेंद्र को सबसे ज्यादा, यानी चार-चार गोलियां मारी गईं। इस हत्याकांड की नृशंसता और इसकी समयबद्धता ने जांच एजेंसियों के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, और पुलिस अपराधियों की तलाश में जुटी हुई हैं।
राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को मारी गई 3 गोली
वाराणसी में एक ही परिवार के सामूहिक हत्याकांड में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कई अहम तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को तीन गोली मारी गई थी, जिनमें से दो गोली उनकी दाईं कनपटी पर और एक गोली उनके सीने पर लगी थी। उनके बड़े बेटे नमनेंद्र को चार गोली मारी गईं, दो गोली सिर पर और दो गोली सीने पर। राजेंद्र की पत्नी नीतू को चार गोली, बेटी गौरांगी को दो और छोटे बेटे सुबेंद्र को दो गोली मारी गई थी।
पुलिस की जांच से यह सामने आया है कि पहले राजेंद्र की हत्या की गई थी, उसके बाद उनकी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या की गई। यह प्रतीत होता है कि हत्यारे नहीं चाहते थे कि राजेंद्र के परिवार का कोई सदस्य बदला लेने के लिए बच सके। पोस्टमार्टम में हुई देरी के बारे में पुलिस ने बताया कि मंडलीय अस्पताल की एक्स-रे मशीन खराब थी, जिसके कारण शवों को पहले वहां ले जाया गया था, ताकि गोली के निशान सही तरीके से निर्धारित किए जा सकें। इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या
वाराणसी के भदैनी इलाके में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना सामने आई है। मंगलवार को एक बहुमंजिला मकान के विभिन्न तल से एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी के शव मिले। सभी के शवों में गोली के निशान थे, और उनकी कनपटी और सीने पर गोली मारी गई थी। इसके अलावा, लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति राजेंद्र प्रसाद गुप्ता का अर्धनग्न शव बेड पर मिला, जिसे भी गोली मारी गई थी।
पुलिस ने घटनास्थल से मिले खोखे के आधार पर यह दावा किया है कि हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने इस हत्याकांड के पीछे पुराने विवादों और घटनाओं को ध्यान में रखते हुए जांच शुरू कर दी है। राजेंद्र पर पहले अपने पिता, छोटे भाई, उसकी पत्नी और एक चौकीदार की हत्या का आरोप था, और पुलिस अब इस पुराने रिकॉर्ड की भी जांच कर रही हैं।
राजेंद्र गुप्ता का मकान पांच मंजिला था, जिसमें वह अपनी पत्नी नीतू, बेटे नमनेंद्र, सुबेंद्र और बेटी गौरांगी के साथ रहते थे। घर के अन्य हिस्सों में 40 किरायेदार भी रहते थे। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने की कोशिश कर रही है, ताकि हत्यारों तक पहुंचा जा सके।
सफाई करने वाली महिला ने दी पुलिस को घटना की सूचना
वाराणसी में हुए इस सामूहिक हत्याकांड का विवरण और भी चौकाने वाला है। मंगलवार सुबह 11 बजे जब रीता देवी घर की सफाई करने के लिए पहुंची, तो उसने प्रथम तल के फ्लैट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। जब उसने दरवाजे को धक्का दिया, तो वह खुल गया और अंदर जाकर उसने देखा कि नीतू (राजेंद्र की पत्नी) फर्श पर खून से लथपथ निढाल पड़ी थी। इसके बाद रीता ने घबराकर दूसरे तल के फ्लैट में जाकर देखा। वहां एक कमरे में नमनेंद्र (राजेंद्र का बेटा) भी खून से लथपथ पड़ा हुआ था, और गौरांगी (राजेंद्र की बेटी) एक कोने में मृत पड़ी थी। इसके अलावा, सुबेंद्र (राजेंद्र का दूसरा बेटा) का शव बाथरूम में पाया गया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन राजेंद्र घर पर नहीं था। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से राजेंद्र के मोबाइल को ट्रैक किया और उसकी लोकेशन मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो एक निर्माणाधीन मकान में राजेंद्र का शव मच्छरदानी लगे बिस्तर पर निढाल पड़ा हुआ था।
इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और सभी तथ्यों का पता लगाने के लिए विभिन्न पहलुओं की जांच की जा रही है, जिसमें हत्यारों का पहचान, पुरानी व्यक्तिगत और पारिवारिक विवाद, और घटनास्थल से मिले अन्य सुराग शामिल हैं।