लोकसभा में आज यानी गरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया गया। संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने यह वक्फ बिल पेश किया। इस विधेयक को लेकर विपक्ष नेता ओवैसी और अखिलेश यादव ने विरोध करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
नई दिल्ली: लोकसभा में गुरुवार (8 अगस्त) विपक्ष के हंगामे के बीच अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा वक्फ बोर्ड विधेयक (Waqf Amendment Bill) पेश किया गया। इस विधेयक को लेकर विपक्ष में नाराजगी देखी गई। बता दें इस विधेयक के संसोधन के बाद गैर-मुस्लिम व्यक्तियों और मुस्लिम महिलाओं को भी केंद्रीय और राज्य वक्फ निकायों में शामिल होना पड़ेगा। इस कदम को लेकर विपक्ष के नेताओं ने आपत्ति जताई है। समाजवादी पार्टी सांसद मोहिबुल्ला ने कहां कि विधेयक संशोधन के जरिए मुस्लिम धर्म में दखल देने की कोशिश की जा रही हैं।
वक्फ बिल का जेडीयू ने किया समर्थन
जनता दल यूनाइटेड के नेता और केंद्रीय मंत्री श्री ललन सिंह ने संसद में वक्फ बोर्ड विधेयक को हरी झंडी दिखा दी। ललन सिंह ने विपक्ष के नेताओं को घेरते हुए कहां कि यह बिल मुसलमानों का विरोध करने वाला नहीं है। ये मंदिर के बारे में बात करता हैं। ललन सिंह ने आगे कहां कि इस विधेयक के माध्यम से कोई भी संस्था जब निरंकुश होगी तो सरकार उस पर अंकुश लगाने के लिए, पारदर्शिता के साथ कानून बनाएगी। यह उसका पूर्ण अधिकार है। ये बिल पारदर्शिता दिखते हुए अल्पसंख्यकों की बात करते हैं।
बिल को लेकर कांग्रेस नेता ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद श्री केसी वेणुगोपाल ने वक्फ बोर्ड विधेयक को लेकर विरोध जताते हुए कहां कि ये विधेयक संविधान से मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है। यह बिल फंडामेंटल राइट्स पर सीधा हमला करने वाला है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहां कि क्या अयोध्या के राम मंदिर में कोई नॉन हिंदू पुजारी है, क्या किसी मंदिर की कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा न्यक्ति को स्थान दिया गया है। वेणुगोपाल ने कहां कि वक्फ भी एक प्रकार की धार्मिक संस्था है। इसमें संशोधन करके समाज को बांटने की कोशिश की जा रही हैं।
यह संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंचाने वाला है : ओवैसी
एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नियम 72 (2) के तहत बिल को सदन में पेश किए जाने पर विरोध जताया। उन्होंने कहां कि यह बिल संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंचाने वाला है। आप हिंदू लोग अपनी पूरी संपत्ति अपने बेटे-बेटी के नाम पर कर सकते हो लेकिन हम मुस्लिम एक तिहाई ही जमीं दे सकते हैं। जब हिंदू संगठन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में गैर धर्मों के सदस्य शामिल नहीं किया जाता तो फिर वक्फ में क्यों शामिल किया जाए।
ओवैसी ने कहां कि,"यह विधेयक हिंदू-मुसलमान में भेदभाव की भावना पैदा करता है। वक्फ प्रॉपर्टी कोई पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है, जो इसे बांट दिया जाए। केंद्र सरकार दरगाह और मुसलमानों की अन्य संपत्तियां लेना चाहती है। सरकार कह रही है कि हम सब कुछ महिलाओं को दे रहे हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि सरकार बिल्किस बानो और जकिया जफरी को मेंबर बनाएंगे और देश को बांटने का काम करेंगे। सरकार मुसलमानों की दुश्मन हैं।
यह विधेयक सरकार की सोची समझी साजिश - अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो व सांसद अखिलेश यादव वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर लोकसभा में कहां कि, "ये बिल बहुत सोची समझी राजनीति साजिश है। अखिलेश यादव ने कहां कि "मेने ये भी सुना की अध्यक्ष महोदय के कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए भी आवाज उठानी पड़ेगी। मैं इस बिल का डटकर विरोध करता हूं।' अखिलेश यादव के दावों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहां कि "अखिलेश जी आप इस तरह की गोलमोल बात नहीं कर सकते। आप स्पीकर के अधिकार के संरक्षक नहीं माने जाते हैं।"