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यति नरसिंहानंद के खिलाफ मुकदमा, विवादित बयान पर पुलिस ने दर्ज किया केस

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यति नरसिंहानंद गिरी के खिलाफ वेव सिटी थाने में भड़काऊ बयान और महात्मा गांधी, पुलिस आयुक्त, एसीपी के खिलाफ अपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर मामला दर्ज किया गया है।

Ghaziabad: डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरी के खिलाफ शुक्रवार रात को वेव सिटी थाने में एक मामला दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने भड़काऊ बयान दिए और महात्मा गांधी, पुलिस आयुक्त अजय मिश्रा, एवं एसीपी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं। यह विवाद तब उठ खड़ा हुआ जब यति ने लोनी विधायक के समर्थन में अपने विचार साझा किए। इस पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए यह मुकदमा दर्ज किया।

पूर्व में भी कई विवादों का सामना कर चुके हैं यति नरसिंहानंद

यति नरसिंहानंद पर इससे पहले भी भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। शुक्रवार को उन्होंने पुलिस आयुक्त अजय मिश्रा पर टिप्पणी करते हुए अन्न त्यागने की घोषणा की थी, और कहा था कि वह सोमवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय में जाकर जल का त्याग करेंगे। यति ने इस बयान को वीडियो के माध्यम से प्रसारित किया था।

पुलिस ने वीडियो के आधार पर कार्रवाई

पुलिस ने इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए यति नरसिंहानंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। एसीपी वेव सिटी, उपासना पांडेय ने कहा कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं, यति ने शनिवार को इस मुकदमे का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा और वह सोमवार को अकेले पुलिस ऑफिस जाएंगे, जहां पुलिस जो कार्रवाई उचित समझेगी, वह करेगी।

लोनी विधायक और यति नरसिंहानंद के बयान के बाद तनाव

लोनी में रामकथा के लिए कलश यात्रा को लेकर हुए विवाद के बाद लोनी विधायक ने खुले तौर पर सरकार के खिलाफ बयान दिए थे। इसी के बाद यति नरसिंहानंद ने भी महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ टिप्पणी की थी। उनका यह बयान और वीडियो वायरल हुआ था।

यति नरसिंहानंद का परिचय

यति नरसिंहानंद का असली नाम दीपक त्यागी है और वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले हैं। 1989 में उच्च शिक्षा के लिए वह रूस गए थे, और 1994 में अपनी डिग्री प्राप्त करने के बाद 1997 में स्वदेश लौट आए। रूस में रहते हुए उन्होंने इंजीनियर के रूप में काम किया, लेकिन मां की बीमारी के कारण वह गाजियाबाद वापस लौट आए। इसके बाद उन्होंने डासना देवी मंदिर के महंत के रूप में जीवन बिताना शुरू किया और अपना नाम यति नरसिंहानंद रख लिया।

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