बांग्लादेश में 25 नवंबर को इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय दास को ढाका स्थित हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी ने त्वरित चर्चा और विवाद को जन्म दिया।
Bangladesh: बांग्लादेश के अधिकारियों ने शुक्रवार, 29 नवंबर को एक हिंदू नेता और इस्कॉन से जुड़े 16 सदस्यों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज करने का आदेश दिया है। इनमें पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का नाम भी शामिल है, जिन्हें हाल ही में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
इस्कॉन पर प्रतिबंध के लिए हाई कोर्ट में याचिका खारिज
इस्कॉन के खिलाफ बांग्लादेश हाई कोर्ट में दायर प्रतिबंध की याचिका को खारिज कर दिया गया। यह मामला हिंदू नेता के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के बाद वकील की हत्या से जुड़ा था। इस्कॉन के अधिकारियों ने इस आदेश का विरोध किया और हाल ही में यह कार्रवाई की गई है।
बांग्लादेश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (BFIU) द्वारा निर्देश
बांग्लादेश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (BFIU) ने 28 नवंबर को विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश भेजे थे, जिसके बाद इन 16 सदस्यों के बैंक खातों की सभी लेन-देन को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा, BFIU ने इन लोगों के स्वामित्व वाली कंपनियों के लेन-देन की जानकारी भी मांगी है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी
30 अक्टूबर को बांग्लादेश के चट्टोग्राम के कोतवाली थाने में 19 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें चिन्मय कृष्ण दास का नाम भी था। उन पर आरोप था कि उन्होंने चट्टोग्राम के न्यू मार्केट इलाके में हिंदू समुदाय की रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था। इसके बाद 25 नवंबर को उन्हें ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया।
बांग्लादेश सरकार से अपील
भारत ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर अपनी चिंता जताई और बांग्लादेश सरकार से अपील की कि वह हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। भारत ने विशेष रूप से दास की गिरफ्तारी और जमानत के इनकार को लेकर चिंता जताई। वहीं, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी उनकी रिहाई की मांग की और गिरफ्तारी के दौरान वकील की हत्या की निंदा की।
समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने चट्टोग्राम अदालत के फैसले के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया था। विरोध प्रदर्शन में लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और न्याय की मांग की। बांग्लादेश में इस्कॉन के खिलाफ बढ़ते विवाद और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर मामला अभी भी तूल पकड़ रहा है। इन घटनाओं के कारण बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती असहमति और विवाद का खतरा बढ़ गया है।