रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर वैश्विक समुदाय शांति स्थापित करने की कोशिशों में लगा हुआ है, और भारत को एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ के रूप में देखा जा रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को उम्मीद है कि भारत, जो दोनों देशों के साथ मजबूत संबंध रखता है, इस संघर्ष को समाप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता हैं।
फ्रांस: रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए दुनियाभर के देश सक्रिय रूप से शांति प्रयासों में जुटे हुए हैं, और भारत की इस दिशा में भूमिका को लेकर वैश्विक समुदाय बड़ी उम्मीदें लगाए हुए है। भारत, जो दोनों देशों के साथ मजबूत राजनयिक और आर्थिक संबंध रखता है, को इस संकट के समाधान के लिए एक प्रभावी मध्यस्थ के रूप में देखा जा रहा हैं।
फ्रांस की यात्रा के दौरान, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की और युद्ध को खत्म करने के लिए भारत की रणनीति और शांति प्रयासों का पूरा खाका प्रस्तुत किया। यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि भारत ने शुरू से ही रूस-यूक्रेन युद्ध पर एक संतुलित और तटस्थ रुख अपनाया है, जिससे उसे एक संभावित शांति दूत की भूमिका निभाने का अवसर मिल सकता हैं।
अजीत डोभाल ने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांति स्थापित करने के भारत के रुख को दोहराया और संभावित समाधान पर चर्चा की। इस बातचीत का उद्देश्य युद्ध को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को और मजबूत करना और युद्धरत पक्षों के बीच संवाद को फिर से बहाल करना था।
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर डोभाल ने क्या कहा?
फ्रांस के दौरे पर गए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने सोमवार को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा में इजरायल के हमलों पर विशेष चर्चा हुई। डोभाल ने मैक्रों को भारत द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ की जा रही बातचीत के बारे में जानकारी दी, जिसका उद्देश्य युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक समाधान तलाशना हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस यात्रा के दौरान डोभाल ने फ्रांस के कई उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ भी बैठकें कीं, जिनमें वैश्विक शांति और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। इन बैठकों में गाजा में इजरायल के हमले और हिजबुल्लाह पर किए गए ताजा हमलों के साथ-साथ, इन संघर्षों का वैश्विक स्थिरता पर प्रभाव भी प्रमुख चर्चा का विषय था।
भारत ने युद्ध खत्म करवाने का जताया भरोसा
फ्रांस के अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह विश्वास इस तथ्य पर आधारित है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की दोनों का भरोसेमंद संबंध है। भारत की तटस्थ स्थिति और कूटनीतिक ताकत को देखते हुए, फ्रांस मानता है कि भारत इस युद्ध को शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त करने के प्रयासों में मध्यस्थता कर सकता हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर युद्ध के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट की है और शांति वार्ता का समर्थन किया है। उनका "यह युद्ध का युग नहीं है" वाला संदेश इस दिशा में उनके प्रयासों का उदाहरण है और फ्रांस का मानना है कि भारत इस दिशा में निर्णायक कूटनीतिक भूमिका निभा सकता हैं।