Five Eyes की जानकारी ने ट्रडो को विवादों में घेरा: क्या है निज्जर की मौत का सच....

Five Eyes की जानकारी ने ट्रडो को विवादों में घेरा: क्या है निज्जर की मौत का सच....
Last Updated: 15 अक्टूबर 2024

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कनाडा ने पिछले साल एक कनाडाई नागरिक की हत्या में भारतीय अधिकारियों की कथित संलिप्तता के बारे में सभी जानकारी अपने फाइव आईज भागीदारों, विशेष रूप से अमेरिका के साथ साझा की है। आइए समझते हैं कि आखिर यह फाइव आईज क्या है और इसके दावों पर कनाडा को इतना भरोसा क्यों है।

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के रिश्तों में फिर से खटास गई है। कनाडा सरकार ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या में भारत के उच्चायुक्त की संलिप्तता का आरोप लगाया है।

कनाडा का दावा है कि आतंकी निज्जर की हत्या में भारतीय अधिकारियों का हाथ था, जबकि भारत ने इन आरोपों को हमेशा बेबुनियाद बताया है।

मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने कहा कि कनाडा ने पिछले साल एक कनाडाई नागरिक की हत्या में भारतीय अधिकारियों की संलिप्तता के आरोपों से संबंधित सभी जानकारी अपने 'फाइव आईज' (Five Eyes) भागीदारों, विशेषकर अमेरिका के साथ साझा की है।

दुनिया का प्रमुख खुफिया संगठन और निज्जर हत्या का कनेक्शन

पीएम ट्रूडो के बयान के बाद सवाल उठता है कि 'फाइव आईज' वास्तव में क्या है और निज्जर हत्या मामले का इससे क्या संबंध है। 'फाइव आईज' एक खुफिया संगठन है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा शामिल हैं। इसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंटेलिजेंस नेटवर्क माना जाता है, जो इन पांच देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करता है। इसका मुख्य उद्देश्य आतंकवाद का सामना करना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है।

निज्जर हत्या मामले में 'फाइव आईज' की भूमिका और ट्रूडो का दावा

'फाइव आईज' संगठन ने अपनी जांच के बाद खुलासा किया कि 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर हुई हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या में भारतीय खुफिया एजेंसियों की संलिप्तता है। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि इस संगठन ने कई महीनों तक इस मामले की जांच की और उसके बाद यह जानकारी कनाडा के साथ साझा की गई।

'फाइव आईज' का उदय: कब और क्यों हुआ इसका गठन?

'फाइव आईज' की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी, जब एलाइड फोर्सेज ने जर्मनी और जापान के जासूसों का सामना करने के लिए एक संयुक्त खुफिया नेटवर्क बनाने का निर्णय लिया।

1943: ब्रिटेन और अमेरिका के बीच खुफिया जानकारी साझा करने का पहला समझौता हुआ।

1949: कनाडा इस संगठन में शामिल हुआ।

1956: न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया भी 'फाइव आईज' का हिस्सा बने।

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